वाहन मालिकों को थमाए जा रहे हैं नोटिस: जिले की हरदा और टिमरनी विधानसभा में 28 नवंबर को होने वाले मतदान केंद्रों तक दलों को भेजने के लिए आरटीओ द्वारा लगभग 446 वाहन अधिग्रहित किए जाएंगे। दोनों विधानसभा के 515 मतदान केंद्रों तक चुनावी ड्यूटी में लगे सेक्टर, झोनल अधिकारियों व पुलिसकर्मियों को 172 बसों, 24 बड़े और मिनी ट्रक और लगभग 250 छोटे वाहनों की आवश्यकता है। इनमें स्कूल बसें भी शामिल हैं। मतदान कर्मियों को लाने-ले जाने के लिए वाहनों की जरुरत देखते हुए परिवहन विभाग ने वाहनों का अधिग्रहण कार्य शुरू कर दिया है। वहीं वाहन मालिकों को अधिग्रहण के लेटर थमाए जा रहे हैं। सभी को मतदान सामग्री वितरण केंद्रों पर खड़े कर दिया जाएगा। 27 नवंबर की शाम तक सभी मतदान दलों को मतदान केंद्रों पर भेज दिया जाएगा।
यात्रियों और विद्यार्थियों की होगी फजीहत: 25 से लेकर 28 नवंबर तक जहां यात्री बसें नहीं चल पाएंगी, वहीं स्कूल बसों को भी निर्वाचन के लिए अधिग्रहित किया जा रहा है। इसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों से आने वाले विद्यार्थियों की फजीहत बढ़ जाएगी। विभिन्न प्राइवेट स्कूलों में पढऩे वालेे विद्यार्थी हरदा के अलावा टिमरनी, खिरकिया, रहटगांव, हंडिया, सोडलपुर आदि जगहों से आते हैं। तीन दिनों तक बसें स्कूलों में नहीं आएंगी। आम लोगों को इंदौर, भोपाल, खंडवा, होशंगाबाद, भोपाल, बैतूल, नागपुर, छिंदवाड़ा सहित अन्य शहरों तथा गांवों में जाने के लिए बसें नहीं मिलेंगी। 29 नवंबर से ही अलग-अलग रूटों की बसें चलेंगी।
सड़क पर वाहन निकालने से डर रहे हैं मालिक : आरटीओ द्वारा वाहनों का अधिग्रहण करने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। इसके चलते कई वाहन मालिक अपने वाहन सड़क पर निकालने से डर रहे हैं। लोगों ने अपनी स्कार्पियों, बुलेरों सहित पिकअप व जीप को छुपा दिया है। यदि कहीं उन्हें कहीं जाना भी पड़ रहा हैतो वे पुलिस से बचकर ले जा रहे हैं। किंतु प्रशासन द्वारा जगह-जगह वाहनों की चेकिंग किए जाने से फिर भी वे अधिकारियों से बच नहीं पा रहे हैं।
सड़क पर वाहन निकालने से डर रहे हैं मालिक : आरटीओ द्वारा वाहनों का अधिग्रहण करने की कार्रवाई तेजी से की जा रही है। इसके चलते कई वाहन मालिक अपने वाहन सड़क पर निकालने से डर रहे हैं। लोगों ने अपनी स्कार्पियों, बुलेरों सहित पिकअप व जीप को छुपा दिया है। यदि कहीं उन्हें कहीं जाना भी पड़ रहा हैतो वे पुलिस से बचकर ले जा रहे हैं। किंतु प्रशासन द्वारा जगह-जगह वाहनों की चेकिंग किए जाने से फिर भी वे अधिकारियों से बच नहीं पा रहे हैं।