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शहर में लाइन स्टाफ की कमी, घंटेभर में 6 5 फीसदी शिकायतों का ही निराकरण

locationहरदाPublished: Aug 30, 2019 10:44:21 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

बारिश के मौसम में शिकायतों का ग्राफ बढऩे से समय पर दूर नहीं होते फाल्ट

हरदा. विद्युत वितरण कंपनी के पास लाइन स्टाफ की कमी होने से तय समय (1 घंटे) में 6 5 फीसदी शिकायतों का ही निराकरण हो रहा है। रात में शिकायतें बढऩे पर उपभोक्ताओं को घंटों अंधेरे में बिताना पड़ते हैं। शहर में उपभोक्ता संख्या बढऩे से एफओसी बढ़ाने का प्रस्ताव एक साल भेजे सीएमडी को दिया गया था, लेकिन यह मंजूर नहीं हो सका।
शहर के बिजली उपभोक्ताओं की शिकायत का समय रहते निराकरण नहीं होता। फाल्ट की सूचना देने के लंबे समय बाद भी इसे दूर नहीं किया जाता। इसका कारण लाइन स्टाफ की कमी को बताया जा रहा है। इसके चलते कंपनी का लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पा रहा। एक घंटे में 8 0 फीसदी शिकायतों का निराकरण होना चाहिए। इसके उलट यह आंकड़ा 6 ५ फीसदी ही है। बारिश के मौसम में ज्यादा परेशानी होती है। टोल फ्री नंबर पर फाल्ट संबंधी शिकायत करने के लंबे समय बाद भी सुधार नहीं होता तो उपभोक्ता खुद बिजली कंपनी के कार्यालय जाने को मजबूर रहते हैं। इस तरह की समस्या रोज आती हैं। कंपनी के पास पर्याप्त स्टाफ नहीं होने से फाल्ट समय पर दूर नहीं हो पाते। बरसते पानी में लाइन फाल्ट हो जाए तो उपभोक्ताओं की परेशानी और बढ़ जाती है।
बारिश में मिल रही रोज 400 शिकायतें
कंपनी के मुताबिक शाम 4 से 12 में ज्यादा शिकायतें मिलती हैं। बारिश के मौसम में इनकी संख्या प्रतिदिन 400 तक पहुंच जाती है। सामान्य दिनों में यह आंकड़ा 100 से 125 बताया जा रहा है। कंपनी के दावे के अनुसार एक घंटे में शिकायत का निराकरण होना चाहिए, लेेकिन स्टाफ की कमी के चलते सौ फीसदी शिकायतों का निराकरण इस अवधि में नहीं हो पा रहा।
एक वाहन के भरोसे रहता है सुधार कार्य
कंपनी के अनुसार शहर में टीम तीन शिफ्ट में फाल्ट दूर करने का काम करती है। पहली शिफ्ट में एक रेग्युलर के साथ 3 आउटसोर्स कर्मचारी, दूसरी में 1 रेग्युलर के साथ 5 आउटसोर्स कर्मचारी व तीसरी शिफ्ट (रात पाली) में १ रेग्युलर के साथ 3 आउटसोर्स कर्मचारी रहते हैं। इनके पास एक चारपहिया वाहन होता है। फाल्ट अधिक होने पर टीम विभाजन कर बाइक से मौके पर पहुंचा जाता है। इसके अलावा हाईटेशन लाइन में फाल्ट के लिए तैनात टीम में 1 रेग्युलर व 3 आउटसोर्स कर्मचारी रहते हैं। इन पर शहर के 35 वार्डों के १८५०० उपभोक्ताओं की बिजली सप्लाई संचालन का भार रहता है।
सालभर पहले भेजा था एफओसी बढ़ाने का प्रस्ताव, मंजूर नहीं हुआ
कंपनी अधिकारियों के मुताबिक बिजली लाइनों का विस्तार हो गया है। 10 किमी लंबी लाइन अब 100 किमी तक हो चुकी है। दो साल में 3 हजार कनेक्शन बढ़े हैं। वहीं इस अनुपात में स्टाफ में बढ़ोत्तरी नहीं हुई, जितनी अपेक्षित रही। इसके चलते ग्वाल नगर सब स्टेशन के लिए एक और एफओसी (मोबाइल टीम) बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर बीते साल कंपनी को भेजा गया है। प्रस्ताव में बताया गया है कि शहर में 5 वार्ड बढ़े हैं। इससे 1200 उपभोक्ताओं को शहरी नेटवर्क से सप्लाई दी जा रही है। नई टीम में 12 कर्मचारी बढ़ेेंगे। एक वाहन भी रहेगा। प्रस्ताव मंजूर होता तो यह टीम तीन शिफ्ट में शहर के एक बढ़े हिस्से के फाल्ट दूर करती।
लाइन स्टाफ पर वसूली का भी भार
बकाया वसूली का दबाव बढऩे पर कार्यालयीन के साथ ही लाइन स्टाफ को भी लगाया जाता है। इसका असर विद्युत शिकायतों पर पड़ता है। इनके निवारण में घंटों लग जाते हैं।
28 प्रतिशत हो रहा लाइन लॉस
शहर में लाइन लॉस का प्रतिशत 28 है। दो साल पहले यह 35 प्रतिशत होना बताया जा रहा है। अधिकारियों के मुताबिक मीटर बदलने से इसमें गिरावट आई है। इसे 15 प्रतिशत तक लेकर जाना है। फिलहाल ३६०० मीटर बदले गए है। यह कार्य शत्-प्रतिशत पूर्ण होने पर लाइन लॉस में और गिरावट आएगी।
शहर की बिजली व्यवस्था एक नजर में
– १४५०० घरेलू उपभोक्ता
– ३२४० कमर्शियल उपभोक्ता
– ३०० निम्न दाब औद्योगिक श्रेणी
– ६२ सिंचाई पंप कनेक्शन
– ४ उच्च दाब कनेक्शन (११/३३ से सप्लाई)
– २ सब स्टेशन ३३/११ केवी
इनका कहना है
उपभोक्ताओं की शिकायतों का समय रहते निराकरण किया जाता है। लाइन स्टाफ की कमी के कारण तय समय पर शत्-प्रतिशत फाल्ट दूर नहीं हो पाते। एफओसी के लिए एक साल पहले प्रस्ताव भजा है। यह फिलहाल मंजूर नहीं हुआ है।
– शैलेश जराठे, सहायक प्रबंधक (शहर) विविकं

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