पंजीयन भी नही हुआ पूरा
योजना के तहत खरीफ की उपज खरीदी के लिए वर्तमान मे किसानों के पंजीयन किए जा रहे है, लेकिन अभी तक कार्य पंजीयन पूरा हो पाया है। पंजीयन में सर्वर डाउन होने की वजह से किसानों का पर्याप्त पंजीयन नहीं हो पाया। यही कारण है शासन ने पंजीयन की तिथि को पहले २० और फिर २९ सितंबर तक बढ़ाया। पंजीयन के बाद राजस्व विभाग द्वारा इनका सत्यापन भी किया जाना है। दूसरी ओर किसानों की उपज मंडी मे विक्रय के लिए भी आ चुकी है, लेकिन शासन की खरीदी के लिए प्रक्रिया अब तक पूर्ण नहीं हुई है।
मंडी की दीवारों अब भी अंकित पुराने समर्थन मूल्य
उपज खरीदी को लेकर समर्थन मूल्य की जानकारी स्पष्ट नहीं और मंडी में भी पुराने समर्थन मूल्य की जानकारी दी जा रही है। मंडी की दीवारो पर वर्ष 2014-15 मे रबी की फसलों के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य अंकित है। समर्थन मूल्य को नहीं बदला गया है, जबकि प्रतिवर्ष मूल्यों में वृद्धि होती है। दीवार पर गेहूं का समर्थन मूल्य 1450 रूपए ही दर्ज है, जबकि वर्तमान मे समर्थन मूल्य 1750 रूपए के साथ 250 रूपए बोनस दिया जाता है। ऐसे मे मंडी अपनी व्यवस्थाओं के प्रति ही उदासीनता बरत रही है। जिस पर मंडी प्रशासन व समिति का ध्यान नहीं है। 4 वर्षो बाद भी मंडी द्वारा इसे बदला नहीं गया है।
योजना के तहत खरीफ की उपज खरीदी के लिए वर्तमान मे किसानों के पंजीयन किए जा रहे है, लेकिन अभी तक कार्य पंजीयन पूरा हो पाया है। पंजीयन में सर्वर डाउन होने की वजह से किसानों का पर्याप्त पंजीयन नहीं हो पाया। यही कारण है शासन ने पंजीयन की तिथि को पहले २० और फिर २९ सितंबर तक बढ़ाया। पंजीयन के बाद राजस्व विभाग द्वारा इनका सत्यापन भी किया जाना है। दूसरी ओर किसानों की उपज मंडी मे विक्रय के लिए भी आ चुकी है, लेकिन शासन की खरीदी के लिए प्रक्रिया अब तक पूर्ण नहीं हुई है।
मंडी की दीवारों अब भी अंकित पुराने समर्थन मूल्य
उपज खरीदी को लेकर समर्थन मूल्य की जानकारी स्पष्ट नहीं और मंडी में भी पुराने समर्थन मूल्य की जानकारी दी जा रही है। मंडी की दीवारो पर वर्ष 2014-15 मे रबी की फसलों के निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य अंकित है। समर्थन मूल्य को नहीं बदला गया है, जबकि प्रतिवर्ष मूल्यों में वृद्धि होती है। दीवार पर गेहूं का समर्थन मूल्य 1450 रूपए ही दर्ज है, जबकि वर्तमान मे समर्थन मूल्य 1750 रूपए के साथ 250 रूपए बोनस दिया जाता है। ऐसे मे मंडी अपनी व्यवस्थाओं के प्रति ही उदासीनता बरत रही है। जिस पर मंडी प्रशासन व समिति का ध्यान नहीं है। 4 वर्षो बाद भी मंडी द्वारा इसे बदला नहीं गया है।
इनका कहना
अभी इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं। धान, मक्का के संबंध में जानकारी हैं लेकिन अन्य फसलों की खरीदी के संबंध में अभी कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिले हैं।
केसी सारन, नोडल अधिकारी
अभी इस संबंध में कोई निर्देश नहीं मिले हैं। धान, मक्का के संबंध में जानकारी हैं लेकिन अन्य फसलों की खरीदी के संबंध में अभी कोई स्पष्ट आदेश नहीं मिले हैं।
केसी सारन, नोडल अधिकारी