राजू अग्रवाल की ओर से अधिवक्ता ने उसकी बीमारी और पूर्व में कोई आपराधिक रिकार्ड नहीं, इस मामले में अज्ञात व्यक्ति की सूचना पर केस दर्ज करने तथा अभी दोष सिद्धि नहीं होने व 4 मामलों में दोषमुक्त करने का हवाला दिया गया। यह भी तर्क दिया गया कि जेल में रखने से उसकी ख्याति को नुकसान होगा। उसके पास 1500 किलो विस्फोटक पदार्थ रखने, मामले को केवल दुर्घटना बताने का भी आवेदन में जिक्र किया गया।
शासन की ओर से डीपीओ एआर रोहित व एजीपी विपिन सोनकर ने कहा कि गंभीर गंभीर प्रकृति का है। नियमों के विपरीत 37000 किलो विस्फोटक सामग्री रखी थी। पूर्व में वह दोष सिद्ध हुआ है।
लिखित आपत्ति में प्रभावितों ने कहा कि विस्फोट से उन्हें क्षति हुई। उनके संबंधियों की मौत हुई। घर नष्ट हुए। अवैध रूप से फैक्ट्री संचालन किया जा रहा था। कोर्ट ने कहा,अभियुक्त द्वारा संचालित फैक्ट्री में विस्फोट हुआ। जिससे कई लोगों की मौत हुई। कई घायल हुए। आसपास की संपत्तियों को क्षति हुई।
14 सितंबर 2023 को कथित फैक्ट्री में विस्फोटक एक्ट 2008 के नियमों का उल्लंघन हुआ। घटनास्थल के पास क्षतिग्रस्त निर्माण से 37540 किग्रा. विस्फोटक पदार्थ मिले।
प्रथम दृष्टया यह प्रकट होता है कि अभियुक्त ने भारी मात्रा में विस्फोटक पदार्थ संकलन किया था। आवेदक की ओर से यह भी स्पष्ट नहीं किया जा सका कि मौके पर मिले विस्फोटक पदार्थ की मात्रा उसे जारी लाइसेंस के अनुसार थी। इन्हीं सब तर्कों और दलील के आधार पर कोर्ट ने जमानत आवेदन खारिज कर दिया।
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