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गुरूपूर्णिमा पर करीब 35 हजार श्रद्धालु जाएंगे खंडवा, उनके लिए दो ट्रेनों की मात्र 6 बोगियां

locationहरदाPublished: Jul 12, 2019 11:07:58 pm

Submitted by:

sanjeev dubey

– टे्रनों में कैसे जाएंगे हजारों श्रृद्धालु, रेलवे ने नहीं की वैकल्पिक व्यवस्था, जान जोखिम में डालकर यात्रा करते हंै श्रृद्धालु

Guruparnima festival

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खिरकिया. गुरुपूर्णिमा के दिन धूनीवाले बाबा के दर्शन करने खंडवा जानेवाले श्रद्धालुओं को इस बार भी परेशान होना पड़ेगा। रेलवे ने इन श्रद्धालुओं के लिए किसी वैकल्पिक ट्रेन या अतिरिक्त ट्रेन की व्यवस्था नहीं की है। शहर के रेलवे स्टेशन से जानेवाले हजारों श्रद्धालुओं के लिए केवल नियमित ट्रेनें ही हैं। इनकी गिनी-चुनी बोगियों में हजारों श्रद्धालु कैसे जा सकेंगे, यह सवाल हर किसी को परेशान कर रहा है। इधर रेलवे अधिकारियो का साफ कहना है कि स्थानीय स्तर पर वैकल्पिक व्यवस्था संभव ही नहीं है।
खिरकिया में तीन तहसील के नागरिकों के लिए रेल यातायात के लिए एकमात्र रेलवे स्टेशन है। इस कारण यहां पर हमेशा ही यात्रियों का दबाव बना रहता है। गुरूपुर्णिमा के दिन तो रेलवे स्टेशन हजारों यात्रियों से भर जाता है।
इस दिन पूरे क्षेत्र के श्रद्धालु ट्रेन से खंडवा जाने के लिए रेलवे स्टेशन पर पहुंचते हैं। गुरुपूर्णिमा पर खंडवा में धूनीवाले दादा के दर्शन करने ये श्रृद्धालु जाते हैं। इनके आवागमन के लिए रेल यातायात सबसे उपयुक्त एवं सुलभ साधन है। इन यात्रियों की सुविधाओं के लिए हर साल अतिरिक्त ट्रेन चलाने या किसी ट्रेन के अस्थायी स्टापेज की मांग की जाती है। पर इसके बाद भी रेलवे द्वारा कोई अतिरिक्त टे्रन नहीं चलायी जा रही है। ऐसे में परेशानियां काफी बढ़ जाएंगी। यात्रियों का दबाव अधिक होने के कारण कई बार दुघर्टनाओं का अंदेशा बना रहता है।
दो ट्रेनों की ६ बोगियों में कैसे जाएंगे हजारों यात्री
वर्तमान में यात्रियों की आवागमन व्यवस्था की बात की जाए तो रेलवे स्टेशन पर अप एवं डाउन में 11 ट्रेनों का स्टापेज है। इनमें से 8 नियमित हंै तो 3 ट्रेनें साप्ताहिक हैं। साप्ताहिक ट्रेनों में से 2 ट्रेन सप्ताह में एक-एक दिन आती हैं, वहीं एक ट्रेन सप्ताह में 3 दिन अलग-अलग दिनों में यहां पहुंचती है। खंडवा जाने के लिए सुबह करीब ६ बजे यहां से काशी एक्सप्रेस मिलती है। इसके बाद कटनी-भुसावल पैसेंजर और करीब ११ बजे कामायनी एक्सप्रेस मिलती है। पैसेंजर ट्रेन के अलावा दोनों एक्सप्रेस ट्रेनों मेंं कुल ६ जनरल बोगियां रहती हैं। इन तीन ट्रेनों में ही ३५ हजार यात्रियों में से अधिकांश श्रद्धालुओं को खंडवा जाना होगा।
खंडवा जाने वाले श्रृद्धालुओं का आगमन प्रारंभ
वर्तमान में रेल सुविधाओं की स्थिति वैसे ही ठीक नहीं है। इसके बावजूद गुरूपूर्णिमा पर ट्रेन के माध्यम से आवागमन के लिए रेलवे द्वारा कोई पहल नहीं गई है, जिससे यात्रियों में नाराजगी है। गुरूपूर्णिमा के अवसर पर नगर से सटे हुए दादाजी धाम खंडवा जाने वाले श्रृद्धालुओं का आगमन प्रारंभ हो गया है। 16 जलाई को आने वाली गुरूपूर्णिमा के करीब आते-आते श्रृद्धालुओं की संख्या में गुणोत्तर वृद्धि होती जाएगी।
आरक्षित बोगियों में सामान्य बोगियां जैसी भीड़
दादाजी धाम जाने के लिए कई ग्रामों से श्रृद्धालुओं के जत्थे जा रहे हैं, वहीं हजारों श्रृद्धालु अपने-अपने साधनों से खंडवा पहुंचेंगे। ट्रेनों के अलावा बसों में भी खासी भीड़ यात्रा करेगी। खंडवा जिले से सटे होने के कारण यहां पर यात्रियों की संख्या अधिक रहती है। खिरकिया स्टेशन पर रूकने वाली सभी ट्रेनो में भारी भीड़ होगी। गत वर्ष ट्रेनों की हालत यह थी कि आरक्षित बोगियों में भी सामान्य बोगियों की तरह भीड़ रही। सामान्य बोगियों में तो पैर रखने तक की जगह नहीं थी।
आम यात्रियों को होती है परेशानियां
अतिरिक्त ट्रेन नहीं होने से श्रृद्धालुओं के अतिरिक्त आम यात्रियों को काफी असुविधा उठानी पड़ेगी। नगर से हरदा एवं खंडवां बड़ी संख्या में नागरिक एवं विद्यार्थी अपडाऊन करते हैं। यात्रियो ने बताया कि पर्वो व तीज त्यौहारो पर रेलवे द्वारा अतिरिक्त टे्रनें चलायी जाती हैं लेकिन दादाजी धाम के लिए विशेष ट्रेन नहीं चलाई जा रही। नर्मदा स्नान के लिए पड़ौस के होशंगाबाद रेलवे स्टेशन पर बड़े पर्वों पर विशेष ट्रेनें चलाई जाती हैं वैसे ही गुरुपूर्णिमा पर खंडवा जाने के लिए भी विशेष ट्रेन चलाई जानी चाहिए।
जान जोखिम में डालकर करते हैं यात्रा
दादाजी धाम जाने वाले यात्रियों को जान जोखिम में डालकर यात्रा करनी पड़ती है। ट्रेनों की बोगियां खचाखच भरी होने के कारण कई यात्रियों को ट्रेन के गेट पर ही लटककर यात्रा करनी पड़ती है। स्टेशन साइड से जगह नहीं मिलने पर ट्रेन आने के पूर्व पटरियों के बीच खड़े होकर दूसरी ओर से ट्रेन पकड़ते है जोकि बेहद खतरनाक है। कई यात्रियों को इस कारण यात्राएं भी स्थगित करनी पड़ती है।
इनका कहना
-गुरूपूर्णिमा पर यात्री दबाब अपेक्षाकृत अधिक रहता है। अतिरिक्त टे्रनों को चलाए जाने का निर्णय मंडल स्तर से ही लिया जा सकता है।
एनके चौहान, स्टेशन अधीक्षक, खिरकिया

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