पटाखा फैक्ट्री की आग के कारण आसपास के कई परिवार भी प्रभावित हुए हैं। कई लोग बेघर हो गए। ऐसे में बच्चों की पढ़ाई और इन दिनों चल रही परीक्षा पर विपरित असर न पड़े, इसके लिए कलेक्टर ने मौके पर वैकल्पिक इंतजाम करने के लिए डीईओ और महिला बाल विकास अधिकारी को व्यवस्था बनाने को कहा।
डीईओ पीएम सिंह ने बताया कि अस्थायी शिविरों में ऐसे 42 बच्चे मिले हैं। इनमें से कक्षा 10 व 8वीं बोर्ड की परीक्षाओं में कुल 7 बच्चे शामिल होने वाले हैं। इनके रहने की व्यवस्था छात्रावास में की है। जिससे वे बिना परेशानी पढ़ सकें। इसके अलावा अन्य 35 बच्चों को आईटीआई के राहत शिविर में ही पढ़ाने के लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई है। 5 बच्चों की किताबें दुर्घटना में जल गई थी। उन्हें नई पुस्तकें दिला दी गई हैं।
डीपीसी एसपीएस जाटव ने बताया कि शासकीय शिक्षक पढ़ा रहे हैं। छोटी कक्षाओं के बच्चों को तो राहत शिविर में ही पढ़ाया जा रहा है। मिडिल स्कूल व बड़ी कक्षाओं के बच्चों को पढ़ाने के लिए महर्षि कान्वेन्ट स्कूल ने सहमति दी है। सोमवार से उनके स्कूल का वाहन बच्चों को शिविर से ले जाएगा तथा पढ़ाने के बाद वापस शिविर में छोड़ देगा।