मामले में मंडी द्वारा जांच कर 192 किसानों को भुगतान कर दिया गया। जबकि शेष 12 किसानों को भुगतान नहीं किया गया। इसका कारण व्यापारी जैन के रजिस्टर में इन किसानों के नामों के आगे गोले लगे पाया जाना बताया गया। इस आधार पर मंडी ने इन किसानों को भुगतान करने से इंकार कर दिया। जबकि किसानों का कहना था कि उन्हें भुगतान नहीं मिला। इनकी पर्चियां भी किसानों के पास मौजूद हंै। हालांकि मंडी बोर्ड द्वारा इनमें से 4 किसानों के भुगतान को लेकर जांच के आदेश दिए गए हंै।
किसानो की मांगों का समर्थन करने कांग्रेस नेता अभिजीत शाह सहित अन्य भी पहुंचे। उन्होंने भुगतान को लेकर अधिकारियों से चर्चा की। साथ ही किसानों द्वारा आत्मदाह की चेतावनी दिए जाने पर पुलिस द्वारा की गई 107, 116 की कार्यवाही वापस लिए जाने की मांग की। जिस पर तहसीलदार विंकी ंिसंहमारे ने कहा कि यदि किसान लिखकर दें कि आत्मदाह नहीं करेंगे, तो कार्यवाही वापस ले जी जाएगी। जिस पर महिलाओं ने कहा कि पहले आप लिखकर दो कि हमारे पैसे दिला दोगे। चर्चा के दौरान एसडीएम वीपी यादव, एसडीओपी राजेश सूल्या, नायब तहसीलदार निमेष पांडे, टीआई राजेश साहू, मंडी सचिव केडी अग्निहोत्री भी मौजूद रहे।
भुगतान से वंचित 12 किसानों को राशि नहीं मिलने पर मंडी द्वारा जारी किया गया आदेश भी कई सवाल खड़े कर रहा है। इसमें कहा गया है कि कृषकों के नामों के आगेे गोल घेरा एवं ओके लिखा होने के कारण वास्तविक रूप से किसानों को भुगतान हुआ है या नहीं, यह अस्पष्ट है। इस कारण भुगतान नहीं किया गया।
कृषक माखनलाल, रामाधार, संजू, पन्नालाल के भुगतान के संबंध में व्यापारी की चुकारा पंजी में गोल घेरा अंकित किया गया है। कृषक हब्बू खां, रमेश, गोपाल, जीवतीबाई के ेभुगतान के कॉलम में व्यापारी द्वारा ओके लिखा गया है। महेरसिंह शिवनारायण को 33,400 का भुगतान किया जा चुका है, जिसका 46 6 00 बकाया है। इसका उल्लेख नहीं है। मनोहर, कृष्णा के भुगतान पत्रकों पर व्यापारी द्वारा कई लाइन खींचकर काटा गया है। कृषक सबलसिंह को व्यापारी द्वारा चेक प्रदान करना अनादरित किया।
किसानो द्वारा कुछ देर मार्ग बंद किया गया था। मंडी बोर्ड के आदेशानुसार भुगतान की कार्यवाही की गई है। किसानों को समझाईश दी गई है। इस संबंध में वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया जाएगा। आगामी आदेशों का पालन किया जाएगा।
वीपी यादव, एसडीएम, खिरकिया