पूवज़् मे इस भवन मे जनपद पंचायत का कार्य किया जाता था। भवन में क्षतिग्रस्त एवं खस्ताहाल होने पर जनपद पंचायत द्वारा इस भवन मे खाली कर दिया गया था, लेकिन लोक निर्माण विभाग के माध्यम से भवन में दुरूस्त कराकर कोर्ट के रूप मे तैयार किया। भवन की छत पर पुराने कबेलु को हटाकर टीन लगाए गए वहीं खिड़की दरवाजे भी दुरूस्त किए गए। क्षतिग्रस्त स्थानों की भी मरम्मत कराई गई। इसके साथ ही न्यायिक मजिस्ट्रेट के चेंबर का निर्माण किया गया। प्रतीक्षा कक्ष, अधिवक्ता, परिवादियों के लिए स्थान सहित अन्य व्यवस्था इस भवन मे की गई।
नगर में लिंक कोर्ट के रूप मे न्यायालय खोला गया था। मई 2016 मे स्वीकृति के एक वर्ष बाद ही कोर्ट को नियमित कर दिया गया था। कोर्ट को नियमित हुए भी लगभग डेढ वर्ष हो चुका है। मई 2017 मे इस कोर्ट को नियमित कर दिया गया है। कोर्ट के नगर मे स्थापित होने से नागरिकों को सस्ता एवं सुलभ न्याय मिल रहा है। वहीं दूसरी ओर प्रकरणों का निपटारा तेजी से हो रहा है। अब कोर्ट का परिसर बढऩे पर नाागरिकों को सुविधा मिलेगी।
कोर्ट का दूसरे भवन मे स्थानांतरण किया गया है। पहले भवन की अपेक्षा परिसर बड़ा होने के चलते परिवादी एवं अधिवक्ताओं को सुहुलियत होगी।
संजय पाराषर, उपाध्यक्ष, अधिवक्ता संघ खिरकिया