प्राप्त जानकारी के अनुसार अजनाल नदी को पार करने के दौरान दूधकच्छ निवासी शिवराम तिलवारी (40) बह गया। ग्रामीणों ने यह देखा तो जान जोखिम में डालकर उसे करीब एक किमी दूर जाकर बाहर निकाला। बेहोशी की अवस्था में शिवराम को रहटगांव के अस्पताल लेकर गए, लेकिन वहां इलाज नहीं मिल सका। परिजन अखिलेश तिलवारी व अभिषेक तिलवारी ने बताया कि जब वे पिता को अस्पताल लेकर पहुंचे थे उस समय उनकी सांस एवं पल्स चल रही थी। अस्पताल में डॉक्टर मौजूद नहीं होने पर स्टाफ नर्स पुष्पा चौधरी ने डॉ. हर्ष पटेल से बात कर बगैर उपचार किए हरदा रैफर कर दिया। करीब 3 घंटे मरीज को पलंग पर लेटा कर रखा गया। इधर, सूचना मिलने पर थाना प्रभारी सुरेखा निमोदा भी मौके पर पहुंची। उन्होंने डॉक्टर से चर्चा के साथ ही वाहन व्यवस्था के प्रयास भी किए।
ज्ञात हो कि कुछ दिन पहले ही रहटगांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को शासन ने कायाकल्प अवार्ड से नवाजा है। हालांकि अस्पताल में कई तरह की व्यवस्थागत खामियां हैं। मरीजों को समय पर उपचार नहीं मिलता। बीएमओ डॉ. एमके चौरे से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि प्रथम दृष्टया डॉ. हर्ष पटेल की लापरवाही सामने आ रही है। उन्हें अस्पताल में मौजूद रहना था। मामले की जांच कर न्यायोचित कार्रवाई की जाएगी।