उत्तर प्रदेश एटीएस की मेरठ टीम ने आठ जनवरी 2021 को हापुड़ से पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा को पाकिस्तान के लिए जासूसी करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। एटीएस की टीम आरोपित को लेकर लखनऊ चली गई थी। पूर्व सैनिक देश की आंतरिक गतिविधियों से जुड़ी सूचनाओं को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए लीक कर रहा था। एटीएस ने उसके संबंध में तमाम साक्ष्य जुटाए थे। हापुड़ निवासी ISI एजेंट पूर्व सैनिक साल 2013 में सेना में भर्ती हुआ था। शक के आधार पर यूपी एटीएस ने पहले भी उसे हिरासत में लिया था, लेकिन उस समय पूछताछ के बाद छोड़ दिया था।
तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था व मौजूदा डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया था कि हापुड़ के रहने वाले पूर्व फौजी सौरभ शर्मा ने सेना की गोपनीय सूचनाएं पाकिस्तान भेजी थीं। उन्होंने बताया था कि गुजरात के गोधरा से अनस गितैली नाम के जासूस को गिरफ्तार किया गया था। उससे मिली जानकारी के आधार पर सौरभ शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। सौरभ शर्मा 2014 में पठानकोट में सिग्नल कोर में तैनात था। सौरभ की पत्नी के खातों में अनस के खाते से बड़ी रकम आई थी। आरोपी सौरभ ने मई 2020 में मेडिकल कारणों से सेना की नौकरी छोड़ दी थी। इस संबंध में लखनऊ के एटीएस थाने में सौरभ शर्मा के खिलाफ ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई थी। एटीएस ने सौरभ शर्मा से पूछताछ के बाद महत्वपूर्ण सबूत जुटाए थे।
आईएसआई से कब जुड़ा था सत्येंद्र सिवाल? सामने आ सकते हैं कई और नाम, हापुड़ पहुंची पुलिस की टीम
यूपी एटीएस ने मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास में तैनात कर्मचारी सतेंद्र को मेरठ से गिरफ्तार किया है। सतेंद्र सिवाल मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास पर तैनात था। इस दिनों छुट्टी पर घर आया था। सतेंद्र हापुड़ के गांव शाहमहीउद्दीनपुर का रहने वाला है। यूपी एटीएस से पूछताछ में उसने अपना अपराध स्वीकार कर लिया है। उसके पास मौजूद दो मोबाइल फोन को यूपी एसटीएस ने अपने कब्जे में ले लिया है। उसके मोबाइल से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल सकती हैं। एटीएस की कार्रवाई से सतेंद्र के संपर्क के लोगों में हड़कंप मचा है। वहीं सतेंद्र की गिरफ्तारी के बाद अन्य खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर आ गई हैं।