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हनुमानगढ़

बढ़ी आवक लाएगी प्रदेश में खुशहाली, गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष बांधों के जल स्तर में काफी बढ़ोतरी

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हनुमानगढ़Apr 22, 2019 / 11:27 am

Purushottam Jha

nahar

बढ़ी आवक लाएगी प्रदेश में खुशहाली, गत वर्षों की तुलना में इस वर्ष बांधों के जल स्तर में काफी बढ़ोतरी


-खरीफ बिजाई के लिए धरतीपुत्रों को मिलेगा मांग के अनुसार नहरी पानी
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हनुमानगढ़. खरीफ फसलों की बिजाई के लिए जल्द किसानों को मांग के अनुसार नहरी पानी मिलेगा। बांधों का जल स्तर गत वर्ष की तुलना में इस वर्ष संतोषजनक रहने से किसानों को खरीफ बिजाई में नहरी पानी की कमी नहीं आएगी। पौंग बांध की बात करें तो पिछले वर्ष की तुलना में इसका जल स्तर करीब ४९ फीट बढ़ा है। जो मरु प्रदेश के लिए बेहतर संकेत है। बांधों में बढ़ी आवक से राजस्थान जैसे मरु प्रदेशों में खरीफ की बिजाई समय पर हो सकेगी। खरीफ की प्रमुख फसल बीटी कॉटन की बिजाई का यह समय उपयुक्त माना जाता है। इसलिए नहरी पानी मिलने से किसान समय पर कपास की बिजाई कर सकेंगे। सफेद सोने के नाम से चर्चित ‘कपास’ के भाव गत बरसों में बढऩे से किसानों का रुझान भी इसकी बिजाई के प्रति बढ़ा है।
इस दौरान हाल ही में मानसून पूर्व हुई बारिश ने भी खरीफ की अगेती फसलों की बिजाई के लिए अच्छा माहौल बना दिया है। वर्तमान में करीब एक माह से नहरबंदी चल रही है। जो अब २२ अप्रेल को खत्म हो रही है। हरिके बैराज पर निर्धारित तारीख को पानी पहुंच जाए, इसके लिए बांधों से जल प्रवाहित करने की तैयारी में बीबीएमबी की तकनीकी टीम जुट गई है। राजस्थान, पंजाब, हरियाणा सहित विभिन्न प्रदेशों को अगले माह कितना नहरी पानी मिलेगा, इसका निर्धारण करने के लिए २६ अप्रेल को बीबीएमबी की अहम बैठक बुलाई गई है। इसमें संबंधित राज्यों के प्रतिनिधि शामिल होकर शेयर का निर्धारण करवाएंगे। जल संसाधन उत्तर संभाग हनुमानगढ़ कार्यालय में रेग्यूलेशन विंग के एसई जेएस कलसी ने बताया कि २४ को मसीतांवाली हैड पर पानी पहुंचने की संभावना है। पानी कहां से उपलब्ध करवाया जाएगा, इसका निर्धारण बीबीएमबी करेगी।
नहरों में पानी प्रवाहित होने के शुरुआती दिनों में पेयजल भंडारण प्राथमिकता से किया जाएगा। करीब एक सप्ताह बाद नहरों में सिंचाई के लिए पानी चलने के आसार हैं। गौरतलब है कि इंदिरागांधी नहर की जर्जर हालत में सुधार करने को लेकर १०० करोड से अधिक की लागत से नहरों का पुनरोद्धार किया गया है। इसमें नहरों की रीलाइनिंग करने के साथ ही बेड लेवल सुधारने तथा सील्ट निकासी के काम हुए हैं। नहर मरम्मत कार्य होने से निर्धारित रेग्यूलेशन के अनुसार नहरों में पानी चलाना संभव हो सकेगा। चरणबद्ध तरीके से चार वर्षों में मरम्मत कार्य पूर्ण करने हैं। इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर जिले के अलावा, चूरू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर, जैसलमेर सहित करीब दस जिलों को जलापूर्ति होती है।
जल स्तर पर नजर
१८ अप्रेल २०१८ को पौंग बांध का जल स्तर १२९३.६२ फीट था। जबकि भाखड़ा का जल स्तर १५४२.८३ फीट था। जो १८ अप्रेल २०१९ को बढक़र क्रमश: १३४२.३८ व १५४२.८३ फीट हो गया। आवक की बात करें तो भाखड़ा बांध में १८ अप्रेल २०१८ को ६१४७ क्यूसेक पानी की आवक हो रही थी, जो वर्ष २०१९ में बढक़र २००६३ क्यूसेक हो गई। इसी तरह पौंग में आवक की स्थिति भी अच्छी हुई है।
यूं होता है शेयर निर्धारण
1981 में पांच राज्यों के बीच हुए जल समझौते के तहत राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली तथा जम्मू-कश्मीर में पेयजल तथा सिंचाई पानी उपलब्ध करवाने के लिए पांचों राज्यों के प्रतिनिधियों की संयुक्त बैठक हर माह चंडीगढ़ में होती है। बीबीएमबी की बैठक में सभी सदस्यों की उपस्थिति में डैम के जल स्तर के अनुपात में राज्यों को पानी वितरित किया जाता है। 21 मई से 21 सितंबर तथा फिलिंग अवधि तथा 21 सितंबर से 20 मई तक डिप्लिशन अवधि के हिसाब से विभिन्न राज्यों को वितरित होने वाले पानी के हिस्से का निर्धारण होता है।
फैक्ट फाइल
-इंदिरागांधी नहर पुनरोद्धार प्रोजेक्ट के लिए करीब तीन हजार करोड़ का बजट स्वीकृत हुआ है।
– प्रोजेक्ट के अनुसार वर्ष २०१९, २०२० व २०२१ तक सभी कार्य पूर्ण करने हैं।
-राजस्थान क्षेत्र में इंदिरागांधी नहर की लंबाई ४४५ किमी है।
-1958 में इंदिरागांधी फीडर का निर्माण शुरू हुआ था।
– नहरी क्षेत्रों से राज्य में ४००० करोड़ का उत्पादन हो रहा है।
-अगले वर्ष नहर मरम्मत कार्य करने के लिए ४० से 70 दिन की नहरबंदी हो सकती है।

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