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भाजपा बोर्ड कार्यकाल का आखिरी बजट होगा सवा तीन सौ करोड़ के पार

locationहनुमानगढ़Published: Jan 17, 2019 12:05:50 pm

Submitted by:

Anurag thareja

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 - पांच वर्षों में 200 करोड़ के करीब बजट की बढ़ोतरी

– पांच वर्षों में 200 करोड़ के करीब बजट की बढ़ोतरी


भाजपा बोर्ड कार्यकाल का आखिरी बजट होगा सवा तीन सौ करोड़ के पार
पहला बजट था 136 करोड़ का
– पांच वर्षों में 200 करोड़ के करीब बजट की बढ़ोतरी
हनुमानगढ़. नगर परिषद बजट बैठक की तैयारियों में जुट चुके हैं। यह भाजपा बोर्ड कार्यकाल की आखिरी बजट बैठक होगी। सूत्रों की माने तो इस बार नगर परिषद का वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट सवा तीन सौ करोड़ के पार होगा। इस बजट में 130 सफाई कर्मचारियों की नई भर्ती व इससे पूर्व 164 सफाई कर्मचारियों के स्थाईकरण होने के कारण वेतन में काफी बढ़ोतरी हुई है। इसके अलावा सातवां वेंतन आयोग के चलते भी कर्मचारियों के वेतन में इजाफा होने के कारण आगामी वित्तीय बजट सवा तीन सौ करोड़ के पार होना संभावित है। बजट बैठक में हर मुद्दे पर हंगामा होना भी माना जा रहा है। आगामी वित्तीय बजट बैठक में सरकार व विधायक कांग्रेस के होने के कारण भाजपा बोर्ड में कांग्रेस पार्षदों की आवाज ही सुनाई देगी। इसके लिए भाजपा के गत चार वर्षों के कार्यकाल को लेकर कांग्रेस के पार्षद घेरने के लिए रणनीति तैयार करने में जुटे हैं। इसमें पांच वर्षों में नगर परिषद किन कार्यों में फिसड्डी रही और कार्यकाल के दौरान बजट बैठक के अलावा समय पर साधारण बैठक नहीं होने का मुद्दा भी पार्षद उठाएंगे। गत दिनों में 27 पार्षद वर्तमान वित्तीय वर्ष में एक भी साधारण बैठक नहीं करने के विरोध में ज्ञापन भी दे चुके हैं। वहीं भाजपा के पार्षद उनके कार्यकाल में हुए विकास कार्य व प्रोजेक्ट आदि सदन में अवगत कराने के लिए रणनीति तय करेंगे। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट 279 करोड़ रुपए का है। आगामी वित्तीय वर्ष की बजट बैठक हंगामे को संतुलित करने के लिए भाजपा पार्षद ध्वनि मत से एजेंडे को पास कर खत्म करेंगे। इस वित्तीय वर्ष में नगर परिषद की आय उम्मीद के मुताबिक दिसंबर तक बेहद कम हुई है। वर्ष भर में एक भी भूखंड की नीलामी नहीं हो पाई। कई प्रोजेक्ट के निर्माण के लिए डिस्मेंटिंग करने के लिए नीलामी करवाई गई। लेकिन अधिकारियों के उम्मीद के मुताबिक बोली नहीं पहुंची। इसके अलावा तहबाजारी, बस स्टैंड से किराया, आईएचएसडीपी के खाली पड़े क्वाटरों से भी आय नहीं हुई। उम्मीद जताई जा रही है कि हर बार की तरह इस बार नगर परिषद में बजट बैठक फरवरी के पहले सप्ताह में होगी।
279 करोड़ में यह है शामिल
वर्तमान वित्तीय वर्ष बजट 279 करोड़ का है। इसमें 80 करोड़ रुपए के विकास कार्य कराना प्रस्तावित है। इसमें उद्यान निर्माण पर एक करोड़ रुपए, कॉलोनियों में सड़क निर्माण पर 7 करोड़ 75 लाख, कच्ची बस्ती क्षेत्र में सड़क निर्माण पर तीन करोड़ रुपए, गंदे पानी निकासी पर 11 करोड़ रुपए, नालियों पर तीन करोड़ रुपए व रेलवे अंडर पास निर्माण पर बीस करोड़ रुपए खर्च करना प्रस्तावित है। हालांकि सभी अंडरपास पीडब्ल्यूडी की ओर से निर्माण किए जा रहे हैं। इस मद का उपयोग भी सड़क व सामुदायिक भवन में किया गया है।
2019-2020 वित्तीय वर्ष
इस वित्तीय वर्ष में बजट सवा तीन सौ करोड़ के पार होगा। इसमें विकास कार्यों पर 100 करोड़ रुपए के करीब रखे जाने पर मंथन किया जा रहा है। इसमें उद्यान निर्माण पर सवा करोड़ रुपए, कॉलोनियों में सड़क निर्माण पर 15 करोड़, गंदे पानी की निकासी पर भी 15 करोड़, नालियों पर पांच करोड़ व अन्य बड़े प्रोजेक्ट पर 15 से 20 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया जा रहा है।
2017 में 232 करोड़ था बजट
वित्तीय वर्ष 2017-18 में नगर परिषद की बजट बैठक 15 फरवरी को हुई थी। इसमें 232 करोड़ का बजट पारित किया गया था। इसमें वास्तिविक आय 100 करोड़ से कम थी। इसमें विकास कार्यों पर 75 करोड़ का प्रस्ताव पारित किया गया था। जबकि वित्तीय वर्ष 2016-17 में 150 करोड़ का बजट पारित किया था। इसमें विकास कार्य पर 35 करोड़ रुपए प्रस्तावित किए थे। 2015-16 की वित्तीय बजट 136 करोड़ का था। इसमें बीस करोड़ रुपए विकास कार्य पर खर्च का प्रस्ताव सदन में पास किया गया था।
फैक्ट फाइल
वित्तीय वर्ष बजट (करोड़ में)
2015-16 136
2016-17 150
2017-18 232
2018-19 279
2019-20 325 करोड़ के पार हो सकती है।
रुके हुए प्रोजेक्ट होंगे पूरे
सभापति राजकुमार हिसारिया ने बताया कि प्राथमिकता रहेगी कि नवंबर में निकाय चुनाव से पहले रूके हुए बड़े प्रोजेक्ट को पूरा किया जाए और आने वाले बजट में भी गत चार वर्षों की तरह ही शहर के विकास का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
करेंगे घेराव
कांग्रेस पार्षद मनोज सैनी ने बताया कि चार वर्षों में किए वादों को जो भाजपा ने पूरा नहीं किया है। इसका जवाब मांगा जाएगा। इसके अलावा भाजपा ने अपने कार्यकाल में आए के साधन पर ध्यान नहीं दिया। 2015-16 में 11 लाख की वसूली पर भी ऑडिट पैरा लगाया था, इसको लेकर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई और पूरे वर्ष में एक भी साधारण बैठक नहीं रखी गई, इस पर भी जवाब मांगा जाएगा।

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