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हनुमानगढ़

पहले दिन जिले में दस पंजीयन, ऑनलाइन खसरा गिरदावरी निकालने में आ रही दिक्कतें

हनुमानगढ़. जिले में सरसों की सरकारी खरीद एक अप्रेल से शुरू होगी। इससे पहले ऑनलाइन पंजीयन की बाध्यता किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। सरकारी खरीद के दृष्टिगत 22 मार्च से ऑनलाइन पंजीयन का कार्य शुरू हो गया। लेकिन खसरा-गिरदावरी ऑनलाइन नहीं निकलने की वजह से ज्यादातर किसान ऑनलाइन पंजीयन नहीं करवा सके।

हनुमानगढ़Mar 22, 2024 / 09:01 pm

Purushottam Jha

पहले दिन जिले में दस पंजीयन, ऑनलाइन खसरा गिरदावरी निकालने में आ रही दिक्कतें

पहले दिन जिले में दस पंजीयन, ऑनलाइन खसरा गिरदावरी निकालने में आ रही दिक्कतें


-सबसे अधिक अनूपगढ़ जिले में 35 व श्रीगंगानगर में 24 पंजीयन
-एमएसपी पर सरसों की फसल खरीदने की प्रक्रिया शुरू
हनुमानगढ़. जिले में सरसों की सरकारी खरीद एक अप्रेल से शुरू होगी। इससे पहले ऑनलाइन पंजीयन की बाध्यता किसानों के लिए मुसीबत बनी हुई है। सरकारी खरीद के दृष्टिगत 22 मार्च से ऑनलाइन पंजीयन का कार्य शुरू हो गया। लेकिन खसरा-गिरदावरी ऑनलाइन नहीं निकलने की वजह से ज्यादातर किसान ऑनलाइन पंजीयन नहीं करवा सके। इस तरह वह ईमित्रों से मायूस होकर लौटे। राजफैड के क्षेत्रीय अधिकारी हरि सिंह शर्मा के अनुसार पहले दिन हनुमानगढ़ जिले में सरसों की फसल को एमएसपी पर बेचने के लिए दस किसानों ने पंजीयन करवाया। इसी तरह श्रीगंगानगर जिले में 24 तथा अनूपगढ़ जिल में 35 किसानों ने पंजीयन करवाया है। किसानों की मांग है कि मांग के अनुसार सभी केंद्रों पर बारदाने की आपूर्ति करवाकर तत्काल सरसों की सरकारी खरीद शुरू की जाए। साथ ही ऑनलाइन पंजीयन की बाध्यता की शर्त भी सरकार को हटानी चाहिए। इससे किसान समय पर अपनी फसलों को एमएसपी रेट पर बेच सकेंगे।
गत वर्ष भी आई थी दिक्कतें
किसानों के अनुसार गत वर्ष की बात करें तो काफी देरी से ऑनलाइन खसरा-गिरदावरी निकलनी शुरू हुई थी। जानकारी के अनुसार गत वर्ष दस अप्रैल के बाद ऑनलाइन गिरदावरी निकलनी शुरू हुई थी। तब तक ज्यादातर किसान फसल को प्राइवेट बेच चुके थे। इस बार भी सरकार ने जल्द ऑनलाइन खसरा गिरदावरी निकालने की प्रक्रिया को आसान नहीं बनाया तो किसान सरकारी खरीद का लाभ लेने से वंचित रह जाएंगे। क्रय-विक्रय सहकारी समिति हनुमानगढ़ के पूर्व प्रबंधक बृजलाल जांगू ने बताया कि पहले दिन 22 मार्च को समिति स्तर पर ऑनलाइन पंजीयन कार्य शुरू नहीं हुआ। राजस्व विभाग का पोर्टल नहीं खुलने की वजह से पंजीयन कार्य बाधित रहा।
इतनी खरीद की शर्त
नियमानुसार इस बार एक किसान से एक बार में 25 क्विंटल तक सरसों की खरीद की जाएगी। लेकिन किसान इसे बढ़ाकर 40 क्विंटल करने की मांग कर रहे हैं। जिससे अधिकतम फसल की सरकारी खरीद हो सके। सरकार ने इस वर्ष सरसों का 5450 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5650 और चने का 5335 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5440 रुपए प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य तय किया है। जिले में सरसों की सरकारी खरीद के लिए 14 खरीद केंद्र बनाए गए हैं। जिले की स्थिति यह है कि मंडियों में सरसों की आवक शुरू हो गई।
कम रेट पर बेचने की मजबूरी
सरकार ने इस वर्ष सरसों का न्यूनतम समर्थन मूल्य 5650 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इस बीच इस समय सरसों का बाजार भाव काफी नीचे जा रहा है। ऐसे में किसानों की निगाहें सरकारी खरीद की तरफ लगी हुई है। लेकिन सरकारी खरीद की प्रक्रिया सुचारू नहीं होने की वजह से किसान मंडी में सरसों को प्राइवेट स्तर पर 4900 से 5000 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से बेचने को मजबूर हो रहे हैं।

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