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एस्टीमेट कम-ज्यादा के खेल पर बरसे प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बोले पहले आंख में पट्टी बंधी थी क्या

locationहनुमानगढ़Published: Feb 06, 2019 09:26:12 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

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एस्टीमेट कम-ज्यादा के खेल पर बरसे प्रोजेक्ट डायरेक्टर, बोले पहले आंख में पट्टी बंधी थी क्या


-शहर में चल रहे सीवरेज कार्यों में खामियां देखकर बिफरे, दी पेनल्टी से आगे की कार्रवाई करने की चेतावनी
हनुमानगढ़. अर्बन इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट (आरयूआईडीपी) के डायरेक्टर डॉ. जितेन्द्र सोनी ने बुधवार को शहर में चल रहे सीवरेज कार्यों का निरीक्षण कर जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने सीवरेज प्रोजेक्ट की बदहाल व्यवस्था पर नाराजगी जताई। मौजूद अधिकारियों को फटकार लगाने के साथ ही निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधि से कहा कि आपका काम संतोषजनक नहीं है। मजबूरन हमें वह एक्शन लेना पड़ेगा, जो पेनल्टी तक नहीं रुकेगा। बेहतर इसी में है कि सुचारू रूप से काम शुरू कर दें। आरयूआईडीपी अधिकारियों व कंपनी प्रतिनिधियों की ओर से एस्टीमेट कम-ज्यादा करने की शिकायतें आई तो उन्होंने कहा कि एस्टीमेट बनाते समय क्या सभी ने आंख में पट्टी बांध ली थी। उन्होंने काम में देरी पर नाराजगी जाहिर कर बचे समय में कार्य में प्रगति लाकर तय समय में कार्य पूरे करने का निर्देश दिया। सोनी ने कहा कि स्वच्छ शहर की सौगात देने के लिए सरकार इतनी बड़ी राशि इस प्रोजेक्ट पर खर्च कर रही है। लेकिन हालत यह है कि चैम्बर पर लगे ढक्कन भी ठीक से नहीं लगाए गए हैं, फिर ऐसे में पब्लिक को लाभ कैसे पहुंचेगा।
जंक्शन में 281 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले जल ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण कार्य का निरीक्षण करने के दौरान अधिकारियों की लेटलतीफी पर उन्हें जमकर लताड़ लगाई। पिछले करीब नौ माह से बंद पड़े अबोहर बाइपास पर रॉ वाटर स्टोरेज का निरीक्षण करने के दौरान डॉ. सोनी नाराज दिखे। जल ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण कार्य करवा रही राज इंफ्रा कंपनी के ठेकेदार से जब आरयूआईडीपी के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. सोनी ने नौ माह से काम बंद होने का कारण पूछा तो ठेकेदार ने बताया कि उन्हें ठेका देने वाली टेक्नोफैब इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी की ओर से अभी तक दो करोड़ 96 लाख रुपए का भुगतान किया गया है जबकि पांच करोड़ से अधिक का भुगतान बकाया है। हालात यह हो गए हैं कि वे निर्माण कार्य में लगे मजदूरों को उनकी मजदूरी तक का भुगतान नहीं कर पाए हैं। यह बात सुनते ही प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. सोनी ने मौके पर मौजूद टेक्नोफैब इंजीनियरिंग लिमिटेड कंपनी से भुगतान नहीं करने का कारण पूछा। इस पर कंपनी के सीओ ने निर्माण कार्य कर रही कंपनी के रेट ज्यादा होने का हवाला देते हुए कहा कि उन्हें आरयूआईडीपी से अभी तक पांच लाख रुपए का भुगतान हुआ है।
इस कारण राज इंफ्रा कंपनी को भुगतान करने में दिक्कत आ रही है। हालांकि उन्होंने दस दिन के अंदर बकाया भुगतान करने की बात कही। इसके बाद प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोनी ने आरयूआईडीपी अधिकारियों की जमकर क्लास लगाई। आरयूआईडीपी अधिकारियों के इस जवाब पर कि जिनको ठेका दिया था उनके रेट अधिक थे, पर डॉ. सोनी ने फटकार लगाते हुए कहा कि क्या ठेका देते समय अधिकारियों को पता नहीं लगा। सब पढ़े लिखे अधिकारी हैं, फिर ऐसे कैसे हो गया। सोनी ने कहा कि आपकी मूर्खता से हमारा काम खराब हो रहा है। यह हम कैसे सहन करेंगे। उन्होंने कहा कि ऐसे काम नहीं चलेगा। मैं कहना नहीं चाहता लेकिन कह रहा हूं कि आप लोगों ने काम नहीं भी किया तो हमें तो काम पूरा करवाना है। सरकार व जनता की उनसे उम्मीदें हैं। लेकिन अधिकारियों की लेटलतीफी के कारण मजबूरन उन पर बड़ा एक्शन लेना पड़ सकता है। उल्लेखनीय है कि पर्यावरण एवं वन मंत्री ने भी तीन दिन पूर्व बैठक में सीवरेज प्रोजेक्ट की प्रगति से नाराजगी जताई थी। तीनों ट्रीटमेंट प्लांट के पानी का सेंपल लेकर इसकी रिपोर्ट भिजवाने के लिए भी स्थानीय अधिकारियों को पाबंद किया था।
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