रोडवेज चक्काजाम के कारण सारी बसें वर्कशॉप व डिपो परिसर में ही खड़ी रही। उधर धरने पर बैठे रोडवेज कर्मियों ने मांगों को लेकर सरकार व रोडवेज विरोधी नारे लगाकर आक्रोश जताया। धरने को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि रोडवेजकर्मी जनवरी माह से अपनी 13 सूत्री मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। मगर सरकार ने नई बसों की खरीद, नई भर्ती करने, सेवानिवृत कर्मचारियों को उनके परिलाभों के भुगतान करने, महंगाई भत्ता देने व सातवां वेतनमान लागू करने जैसी मांगों की अनदेखी कर रही है। इसका खमियाजा सरकार को आगामी विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा। धरने पर बड़ी संख्या में रोडवेजकर्मी शामिल हुए।
ये हैं रोडवेजकर्मियों की मुख्य मांगें रोडवेज कर्मियों ने सरकार के सामने ये मांगे रखी है। जिन्हें पूरी नहीं होने के कारण रोडवेज कर्मियों की हड़ताल जारी है।
– सेवानिवृत हो चुके रोडवेजकर्मियों को बकाया परिलाभ दिया जाए रोडवेज कर्मियों के मुताबिक करीब 4 हज़ार कर्मियों का 600 करोड़ है बकाया है।
– वहीं पिछली दीपावली का बोनस/एक्सग्रेसिया भी बकाया बताया जा रहा है।
– साथ ही रोडवेज कर्मियों को डीए नहीं बढ़ने की भी शिकायत है। तीन बार से रोडवेज कर्मियों का डीए नहीं मिल पाया है।
– वहीं एक मांग ये भी है कि रोडवेज में पिछले 4 सालों में कोई नई भर्ती नहीं हुई है जबकि वहां पद खाली पड़े हैं उन पर भी भर्ती निकाली जाए और पदों को
भरा जाए।