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ईश्वर से प्रार्थना करें,आप स्वस्थ्य रहें…

locationहनुमानगढ़Published: Feb 14, 2019 12:26:10 pm

Submitted by:

Manoj

नोहर के राजकीय चिकित्सालय के विकट हालात स्वास्थ्य लाभ तो दूर की बात, दुआ करें कहीं संक्रमण का शिकार न हो जाएं

hanumangarh

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हनुमानगढ़/नोहर. रोगियों की भीड़ से पटा पड़ा चिकित्सालय भवन, हर तरफ रोगियों की मुंह से निकलती खांसी की खों-खों, चिकित्सकों के कमरों के बाहर अपनी बारी की प्रतिक्षा में झुंड में खड़ी रोगियों की भीड़। किस रोगी को कौन सी बिमारी है, इस बात का पता रोगी के चिकित्सक से मिलने के बाद पता चलेगा। ऐसे में इन दिनों रोजाना करीब एक हजार से अधिक ओपीडी की संख्या छूने वाले नोहर कस्बे के राजकीय चिकित्सालय को अगर स्वाइन फ्लू संक्रमण का वाहक कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होनी चाहिए। तहसील क्षेत्र के गांव धानसिया के साठ वर्षीय हनुमानप्रसाद जोशी के बाद अब गांव ललाना दिखनादा की ३५ वर्षीय महिला अलकोर पत्नी भूपसिंह जाट की मौत भी स्वाइन फ्लू से होने की पुष्टि हो चुकी है। ऐसे में अब क्षेत्र में स्वाइन फ्लू से मौत का आंकड़ा दो के पार पहुंच चुका है। वहीं करीब आधा दर्जन से अधिक स्वाइन फ्लू पीडि़त रोगी उपचाराधीन व संदिग्ध रोगियों का आंकड़ा करीब तो तीन दर्जन को पार कर चुका है।
इस रोग प्रकोप से शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की जनता की जान पर बनी हुई है लेकिन स्थानीय राजकीय चिकित्सालय की आबो हवा इस बात से बेखौफ अपने पुराने रूटीन में ही बह रही है। चिकित्सालय के हालात से ऐसा कहीं प्रतीत नहीं हो रहा है कि इसी राजकीय चिकित्सालय से रैफर दो स्वाइन फ्लू पीडि़तों की मौत भी हो चुकी है। दो व्यक्तियों की संक्रमित रोग के मौत के बाद भी चिकित्सालय की इस प्रकार की व्यवस्थाओं ने पूरे चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं को कटघरे में ला खड़ा किया है।

राजकीय चिकित्सालय के हालात ये हैं कि स्वाइन फ्लू से रोकथाम के लिए प्राथमिक प्रयासों को ही दरकिनार किया जा रहा है। क्षेत्र में स्वाइन फ्लू की दमदार दस्तक के बाद पूरे राजकीय चिकित्सालय परिसर में स्वाइन फ्लू से बचाव को लेकर प्राथमिक सूचना तक चस्पा नहीं की गई है। मुख्यमंत्री निशुल्क दवा योजना के बड़े बड़े दावों के संक्रमण से बचाव के लिए यहां आने वाले रोगियों को मास्क बांटने तो दूर खुद चिकित्सकों व नर्सिंग स्टाफ तक के लगाने के लिए मास्क उपलब्ध नहीं है।

रोगियों की भीड़ से अटे पड़े चिकित्सालय में रोगी एक दूसरे के मुंह के ऊपर खांसते व छींकते अपनी बारी के इंतजार में खड़े रहते हैं। ऐसे में स्वास्थ्य लाभ के लिए आने वाले रोगियों का स्वास्थ्य स्वाइन फ्लू की चपेट में आकर ओर बिगड़ जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी। चिकित्सालय में चिकित्सकों के टोटे के चलते अधिकतर रोगी तो बिना स्वास्थ्य परामर्श के ही वापस लौट जाते हैं।

बुधवार को जब पत्रिका संवाददाता ने चिकित्सालय में चिकित्सकों की उपस्थिति के हालात जाने तो हालात ओर भी विकट नजर आए। स्वाइन फ्लू के बढते प्रकोप के बीच फिजिशियन डॉ.जेपी सुथोड़, डॉ.बीएल कुमावत व डॉ.राकेश शर्मा सामान्य रोग से जुड़े रोगियों को चिकित्सा परामर्श देने के लिए उपलब्ध थे। स्वाइन फ्लू की भयावह उपस्थिति के बीच दो सौ से अधिक गावों के नागरिकों व एक हजार से अधिक ओपीडी वाले चिकित्सालय में चिकित्सकों की कमी आमजन के स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है। ऐसे में सरकार या विभाग कैसे किसी रोग से निबट पाएगा। ऐसे में ईश्वर से प्रार्थना करें की आप स्वस्थ्य रहें। (नसं.)
सतर्कता बरत रहे हैं
राजकीय चिकित्सालय प्रभारी डॉ. शंकरलाल शर्मा ने बताया कि स्वाइन फ्लू को लेकर सतर्कता बरती जा रही है। चिकित्सालय में मास्क उपलब्ध हैं। अगर चिकित्सक रोगियों को दवा पर्ची में मास्क के लिए लिखेंगे तो निशुल्क दवा कांउटर पर उपलब्ध करवाया जाएगा। दो दिन से अन्यत्र था। स्वाइन फ्लू से बचने के लिए यहां आने वाले रोगियों को बचाव के उपाय बताने के लिए नर्सिंग स्टाफ को आवश्यक दिशा निर्देश अभी दे देता हूं।
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