script

28 को पाकिस्तान को लेकर महत्वपूर्ण बैठक, होगा ये अहम फैसला

locationहनुमानगढ़Published: May 26, 2019 02:55:35 am

Submitted by:

dinesh Dinesh Saini

नहरी पानी के लिए श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के किसानों को करीब डेढ़ दशक पहले लहू बहाना पड़ा था…

bharat pakistan
हनुमानगढ़।

नहरी पानी के लिए श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ के किसानों को करीब डेढ़ दशक पहले लहू बहाना पड़ा था। मगर अब उसी नहरी पानी से हमारे दुश्मन देश पाकिस्तान की जमीं को सरसब्ज करने की तैयारी चल रही है। वर्तमान में स्थिति यह है कि भाखड़ा, पौंग और रणजीत सागर बांध के बढ़े हुए जल स्तर ने बीबीएमबी सदस्यों की धडकऩें तेज कर रखी है। इन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि समय पूर्व बांधों को खाली नहीं किया गया तो आगे मानसून सीजन में बांधों का लेवल कैसे मेनटेन करना संभव होगा? इस उलझन से निपटने के लिए भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) की विशेष बैठक 28 मई को चंडीगढ़ में बुलाई गई है। इसमें पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के अफसर मिलकर बांधों के बढ़े जल स्तर से निपटने की कार्य योजना बनाने के साथ ही इस अहम मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
नहरी तंत्र विकसित नहीं
विडम्बना है कि तीनों बांधों के निर्माण के बाद संबंधित राज्यों में नहरी तंत्र को इतना विकसित नहीं किया गया कि बांधों में कुल भंडारण के अनुपात में इनका उपयोग किया जा सके। राजस्थान के लिए जीवनदायिनी माने जाने वाली इंदिरागांधी नहर से हनुमानगढ़ के अलावा श्रीगंगानगर, चूरू, बीकानेर, नागौर, जैसलमेर, बाड़मेर, जोधपुर, झुंझुंनू, सीकर आदि जिलों को जलापूर्ति होती है। परंतु इस नहर का कुछ भाग क्षतिग्रस्त होने के कारण इसकी कुल क्षमता के अनुसार पानी चलाना संभव नहीं हो रहा है।
बांधों के बढ़े लेवल ने अफसरों की उड़ाई नींद
भाखड़ा बांध का जल स्तर गत वर्ष की तुलना में 117 तथा पौंग 49 फीट अधिक है। इस तरह बांधों के बढ़े लेवल ने अफसरों की नींद उड़ाकर रखी है। इस स्थिति में अफसर इसी बात पर जोर दे रहे हैं कि बांधों में जितना पानी भरा हुआ है, उसका अधिकाधिक उपयोग संबंधित राज्य कर लें। मगर निर्धारित अवधि तक पानी का उपयोग नहीं करने पर हरिके डाउन स्ट्रीम के जरिए पाकिस्तान क्षेत्र में पानी छोडऩे का एक मात्र रास्ता बचेगा।

ट्रेंडिंग वीडियो