एमडी ने बताया कि वर्तमान में हम ७५ हजार लीटर प्रतिदिन दूध खरीद कर रहे हैं। दूध के रेट बढऩे से ९० से ९५ हजार लीटर दूध डेयरी को मिलने की संभावना है। उन्होंने बताया कि प्राइवेट डेयरी की बराबरी करना गंगमूल के लिए संभव नहीं। प्राइवेट डेयरी संचालकों की कोई जिम्मेदारी तय नहीं होती, जबकि गंगमूल की किसानों के प्रति जिम्मेदारी निर्धारित है। बाजार कैसा भी हो, ऊंचा हो या मंदा न्यूनतम रेट हम किसानों को जरूर देते हैं। वहीं नोहर में सरदारपुरा बास महिला दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति के सचिव गंगाराम पारीक ने बताया कि गंगमूल डेयरी के रेट अभी भी प्राइवेट डेयरी की तुलना में दो से तीन रुपए कम हंै।इस पर विचार करने की जरूरत है।
जानकारी के अनुसार डेयरी की ओर से प्रतिदिन हनुमानगढ़ व श्रीगंगानगर जिलों से १६७६४ परिवारों से दूध क्रय किया जा रहा है। रेट बढ़ोतरी का इतने परिवारों को सीधा लाभ मिलेगा। हाल ही में संपन्न डेयरी की आमसभा में दुग्ध उत्पादक समिति के किसानों ने रेट बढ़ाने की मांग जोर-शोर से उठाई थी। रेट नहीं बढ़ाने की स्थिति में आंदोलन की चेतावनी दी थी। रेट नहीं बढ़ाने के चलते इस बार आमसभा में ज्यादात्तर संचालन मंडल के सदस्य मंच पर भी नहीं बैठे थे। पुरजोर विरोध को देखते हुए डेयरी प्रबंधन ने अब रेट बढ़ाने का निर्णय किया है।