हनुमानगढ़. शिक्षा का अधिकार कानून के तहत नि:शुल्क प्रवेश देने से इनकार के मामले में बालिकाओं व उनके परिजनों को राजस्थान उच्च न्यायालय जोधपुर ने राहत दिलाई है। हाइकोर्ट ने बालिका के परिजनों की याचिका में स्थगन आदेश देते हुए संबंधित विद्यालय को छात्राओं की बारहवीं कक्षा तक शिक्षा आरटीई के तहत नियमित रखते हुए नि:शुल्क देने का आदेश दिया है।
जानकारी के अनुसार टाउन में टिब्बी रोड स्थित एसआरएम इंटरनेशनल स्कूल में आरटीई के तहत बालिका मन्नत वर्मा पुत्री श्रवण कुमार वर्मा तथा पूजा पुत्री संसार सिंह को कुछ साल पहले निर्धारित प्रक्रिया के जरिए पहली कक्षा में प्रवेश मिला था। दोनों बालिकाएं नियमित रूप से विद्यालय में पढ़ती रही। आरटीई कानून के तहत प्रारंभ में कक्षा एक से आठवीं तक नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान था। बाद में सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए यह प्रावधान कर दिया था कि आरटीई के तहत प्रवेशित बालिकाओं को आठवीं पास करने के बाद भी कक्षा नौवीं से बारहवीं तक नियमित रूप से नि:शुल्क शिक्षा मिलेगी। मतलब कि संबंधित विद्यालय में आरटीई के तहत पढ़ाई जारी रहेगी। अभिभावक श्रवण वर्मा व संसार सिंह ने बताया कि सरकार के आदेश के बावजूद दोनों बालिकाओं को आरटीई के तहत कक्षा नौवीं में प्रवेश देने से स्कूल प्रबंधन ने मना कर दिया। शुल्क की मांग की गई और प्रवेश नहीं दिया गया। इससे दोनों बच्चियों की पढ़ाई खराब हुई। इसके चलते अभिभावकों ने जोधपुर हाइकोर्ट में स्कूल के खिलाफ याचिका दायर की। हाइकोर्ट ने याचिका में स्टे देते हुए आदेश दिया कि एसआरएम इंटरनेशनल स्कूल प्रबंधन दोनों बच्चियों को तत्काल प्रभाव से एडमिशन देकर उनकी पढ़ाई अनिवार्य रूप से शुरू कराए।
नि:शुल्क सिर्फ विद्यार्थी वास्ते
आरटीई के तहत प्रत्येक विद्यालय में 25 प्रतिशत सीटों पर विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा देने का प्रावधान है। हालांकि यह नि:शुल्क शिक्षा सिर्फ विद्यार्थियों के लिए है, विद्यालयों के लिए नहीं है। मतलब कि 25 प्रतिशत सीटों पर प्रवेशित विद्यार्थी को कोई शुल्क नहीं देना होता है। मगर इसके एवज में विद्यालय को शुल्क सरकार देती है जिसे पुनर्भरण राशि कहते हैं।
युवाओं में प्रशासनिक सेवा में जाने की बढ़ती ललक सुखद
हनुमानगढ़. भटनेर किंग्स क्लब की ओर से यूपीएससी परीक्षा में सफल रहे राहुल शर्मा का बीएचएमसीए में अभिनंदन किया गया। क्लब संरक्षक आशीष विजय व क्लब अध्यक्ष कुलभूषण जिंदल के नेतृत्व में संगठन सदस्यों ने चयनित प्रतिभा का माल्यार्पण कर तथा स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मान किया। इस दौरान आशीष विजय ने कहा कि हनुमानगढ़ जिले के युवाओं में प्रशासनिक सेवा में जाने की बढ़ती ललक क्षेत्र के लिए सुखद है। राहुल की सफलता ने यह साबित कर दिया है कि कड़ी मेहनत करने वालों को सफलता अवश्य मिलती है। इससे क्षेत्र के युवाओं को नि:संदेह आगे बढऩे की प्रेरणा मिल सकेगी। राहुल शर्मा ने युवाओं को एकाग्रता के साथ अध्ययन करने, विषय पर फोकस रखकर कड़ी मेहनत से तैयारी करने का संदेश दिया। उन्होंने भटनेर किंग्स क्लब की कार्यप्रणाली व कोरोना काल में किए गए कार्यों की सराहना की। गौरतलब है कि राहुल शर्मा संगरिया के रहने वाले हैं और उनके पिता नरेश शर्मा सेल टैक्स विभाग में जेसीटीओ पद पर कार्यरत हैं। इस मौके पर सतनाम सिंह, रवि दाधीच, विशाल मुदगिल, गजेंद्र दाधीच, हरि चारण गुरप्रीत सिंह, पवन राठी, रौनक विजय, डॉ. पुनित जैन, कपिल गोयल, कपिल सहारण, सतविंद्र सिंह, करण गर्ग, दलीप रोहिल्ला, विजय मेहंदीरत्ता, राजेश अरोड़ा, प्रगट सिंह, नवदीप बंसल, हरदीप सिंह, अमनदीप सिंह, महेंद्र थोरी, खुशदीप सिंह, मनसुख, हिमांशु पुरोहित, अक्षय दामड़ी आदि मौजूद रहे।