वरिष्ठ न्यायाधीश संगीत लोढ़ा और न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ में सादुल की ओर से दायर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका ( habeas corpus petition ) की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली के साथ थानाधिकारी लक्ष्मणसिंह कोर्ट में पेश हुए और अब तक हुई जांच की प्रगति रिपोर्ट पेश की। खंडपीठ ने कहा कि प्रगति रिपोर्ट को देखकर लगता है कि पुलिस लापता को ढूंढने के लिए गंभीर प्रयास नहीं कर रही। अली ने दो सप्ताह का समय मांगा, जिस पर कोर्ट ने इस ताकीद के साथ 2 अगस्त तक का समय दिया कि विफल रहने पर एसपी को उपस्थित रहना होगा।
हालांकि, इसी प्रकरण में पुलिस की लापरवाही पर तत्कालीन पुलिस महानिदेशक कपिल गर्ग ( Rajasthan DGP Kapil Garg ) भी 20 फरवरी को कोर्ट में पेश हो चुके हैं। तब उन्होंने लापता लोगों को ढूंढने में राजस्थान पुलिस की बेहतर स्थिति का दावा किया था, लेकिन इसी मामले में पुलिस अब तक कोई सुराग नहीं लगा पाई है। याचिकाकर्ता की पत्नी और तीन बच्चे 13 मार्च, 2018 से लापता हैं, जिसकी गुमशुदगी का मामला हनुमानगढ़ जिले के पीलीबंगा थाने में दर्ज है। याचिकाकर्ता ने पत्नी व बच्चों को नहीं ढूंढ पाने पर बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी।