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बीजों के रेट में बड़ा अंतर होने पर जताई चिंता

locationहनुमानगढ़Published: Oct 11, 2019 09:01:12 pm

Submitted by:

Purushottam Jha

https://www.patrika.com/hanumangarh-news/
हनुमानगढ़. रबी फसल बुवाई पूर्व कृषि विभाग के अधिकारी किसानों व फील्ड स्टॉफ को उन्नत कृषि की जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। शुक्रवार को जंक्शन में आत्मा सभागार में आयोजित कार्यशाला को कृषि विभाग के उप निदेशक दानाराम गोदारा व आत्मा परियोजना के उप निदेशक जयनारायण बेनीवाल सहित अन्य अधिकारियों ने संबोधित किया।
 

बीजों के रेट में बड़ा अंतर होने पर जताई चिंता

बीजों के रेट में बड़ा अंतर होने पर जताई चिंता


-कृषि विभाग कार्यालय में रबी बिजाई पूर्व कार्यशाला आयोजित
-अफसरों ने विभाग की ओर से निर्मित उन्नत बीजों के प्रति किसानों का विश्वास जगाने को लेकर प्लानिंग बनाने पर दिया जोर

हनुमानगढ़. रबी फसल बुवाई पूर्व कृषि विभाग के अधिकारी किसानों व फील्ड स्टॉफ को उन्नत कृषि की जानकारी उपलब्ध करवा रहे हैं। शुक्रवार को जंक्शन में आत्मा सभागार में आयोजित कार्यशाला को कृषि विभाग के उप निदेशक दानाराम गोदारा व आत्मा परियोजना के उप निदेशक जयनारायण बेनीवाल सहित अन्य अधिकारियों ने संबोधित किया। इस मौके पर कृषि अधिकारियों ने कहा कि विभाग की ओर से विकसित किए जाने वाले उन्नत बीजों की तरफ से किसानों का रुझान लगातार कम हो रहा है। वहीं महंगे दामों में प्राइवेट कंपनियों की ओर से निर्मित बीजों की मांग में खूब बढ़ोतरी हो रही है। जो विभाग के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने सरसों बीज का उदाहरण देकर बताया कि सरसों का तेल एक सौ रुपए लीटर बाजार में मिलता है, जबकि प्राइवेट कंपनियों की ओर से विकसित किए जाने वाले सरसों के बीज साढ़े सात सौ रुपए तक मिल रहे हैं। ऐसे माहौल में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर विभाग कर क्या रहा है। विभागीय प्रमाणित बीजों की तरफ किसानों का रुझान और विश्वास बढ़ सके, इसके लिए सामूहिक स्तर पर प्रयास करने की जरूरत बताई। जिससे किसान लूट से बच सकें। कृषि अनुसंधान अधिकारी जीएस तूर ने कॉटन सीजन में कपास की चुगाई के लिए मशीन इजाद करने पर जोर दिया। तूर ने कहा कि चुगाई में लागत बहुत ज्यादा आ रही है। इसलिए किसानों की लागत बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा कि जो चुगाई के रेट पहले तीन-चार रुपए थे, अब नौ रुपए तक हो गए है। ऐसे में कृषि वैज्ञानिक चुगाई मशीन बनाने पर यदि काम करेंगे तो किसानों का काफी भला हो सकता है। धरती के बढ़ते पीएच मान पर चिंता जाहिर कर जैविक खेती को बढ़ावा देने की बात कही। राजस्थान बीज निगम हनुमानगढ़ प्लांट के प्रबंधक दिनेश परसोया ने रबी सीजन में प्रमाणित बीजों की उपलब्धता आदि की जानकारी दी। साथ ही अनुदानित दरों पर वितरित की जाने वाली बीजों की किस्मों के बारे में अवगत करवाया। सहायक निदेशक रणजीत सिंह सर्वा, सहायक निदेशक उद्यान प्रमोद यादव, कृषि अधिकारी सुभाष चंद्र सर्वा, कृषि अनुसंधान अधिकारी जीएस तूर, कृषि अधिकारी बीआर बाकोलिया, जगजीत सिंह, कृषि पर्यवेक्षक जगदीश दूधवाल आदि मौजूद रहे।
बिजाई की जानकारी
कार्यशाला में सरसों, चना, गेहूं सहित अन्य रबी फसलों के बिजाई की जानकारी दी गई। इसमें इस फसल की बिजाई का उपयुक्त समय, बीज की मात्रा व सिंचाई आदि के बारे में विस्तार पूर्वक प्रकाश डाला गया। कृषि वैज्ञानिकों ने विभागीय सलाह के अनुसार किसानों को खेती करने के लिए फील्ड स्टॉफ को प्रेरित करने की बात कही। जिससे किसान जागरूक होकर खेती कर सके।
किन्नू उत्पादन के बताए तरीके
कृषि वैज्ञानिकों ने किन्नू उत्पादन के तरीके भी कार्यशाला में बताए। इसमें खाद व उर्वरक देने के सही समय के बारे में जानकारी दी गई। किन्नू में सूखी एवं मरी शाखाओं को काटने की सलाह दी गई। जिससे बीमारियां आगे नहीं फैल सके।

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