4 दिसंबर को ढ़ाबां से संगरिया गांव फेफाना जाने के लिए बस स्टैंड पर आया था। जहां संगरिया निवासी उसका ममेरा भाई पवन कुमार पुत्र इमीचंद उसे मिला। पैसों का उसे पता चल गया। जिस पर वह उसे संगरिया में इधर-उधर घूमाता रहा। अपनी गाड़ी से गांव छोडऩे की बात कही। रात करीब 8.30-9 बजे के बीच एक कार में सवार होकर अपने गांव के लिए रवाना हो गया। रास्ते में पवन कुमार ने एक अन्य व्यक्ति को अपने साथ गाड़ी में चढ़ाया। जिसने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था। पूछने पर उसने बताया कि जानकार है, जिसे रास्ते में छोडऩा है।
पवन कुमार व दूसरे ने उसे रतनपुरा व सालीवाला के बीच में गाड़ी से नीचे उतार लिया। पवन कुमार ने पिस्तौल तान दी। दोनों ने मिलकर डेढ़ लाख रूपए लूट लिए और उसे वहीं छोड़कर फरार हो गए। रिश्तेदारों को घटना बताई तो वे उसे वापिस गांव ढ़ाबां लेकर गए। पारिवारिक समझौते से रकम वापिस लेनी चाही परंतु उसने स्पष्ट इंकार कर दिया और जान से मारने की धमकी दे रहा है। हालांकि इस आशय का मामला थाने में अभी दर्ज नहीं हुआ है।