अध्यक्ष राजपाल छाबा ने बैठक दौरान सरकार को जागने व क्षेत्र के किसानों के हित में सोचने का आह्वान किया। वे बोले फसलों के लाभकारी मूल्य नहीं मिलने से उनकी आर्थिक स्थिति खराब हो रही है। सहकारी ऋण, फसल बीमा क्लेम व किसानों को माल बेचने में अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यदि ऐसा ही चलता रहा तो धरतीपुत्र कहीं का नहीं रहेगा।
भारतीय किसान संघ पदाधिकारियों ने किसानों की विभिन्न समस्याओं को हल करवाने की मांग लेकर एक तहसीलदार को सौंपा। जिसमें किसानों के ऋण माफ करने, सहकारी ऋण वितरण पर लगी अघोषित रोक हटाकर किसानों को ब्याज मुक्त ऋण तीन लाख रुपए सीमा बढ़ाते हुए उपलब्ध करवाने, अंगूठा निशान स्कैन नहीं होने से ऑफलाईन सत्यापन करवा कर नई साख सीमा जारी करवाने, फसल खराबे का सर्वे करवाकर आपदा प्रबंधन तहत आर्थिक सहयोग व फसल बीमा योजना का लाभ तुरंत दिलाने, बकाया फसल बीमा क्लेम राशि का भुगतान सुनिश्चित कराने को कहा गया । बैठक में बलिंद्र छाबा, रवीश गोदारा, हरभगवान सिद्धु, रमन, गुरप्याससिंह, लादूराम सहारण सहित अनेक जनों ने विचार रखे।
विधायक बलवान पूनिया ने सिद्धमुख नहर का किया निरीक्षण
भादरा. विधायक बलवान पूनिया ने सोमवार को सिद्धमुख नहर का निरीक्षण किया। विधायक पूनिया ने भिरानी हैड से निरीक्षण शुरू करते हुए ग्राम भानगढ़ तक नहर का दौरा किया एवं साथ में चल रहे अभियंताओं को नहर की टेल तक पूरा पानी पहुंचाने व पानी चोरी रोकने के लिए लगातार निगरानी रखने के निर्देश दिये। विधायक के इस नहर निरीक्षण दौरे में अधिशाषी अभियंता प्रवीण बैरवा, कनिष्ट अभियंता तिलोकचन्द टाक, पंचायत समिति के पूर्व सदस्य सुनील बुरा, मन्दरूप सिंह, संदीप खोखर व भिरानी पुलिस थाना का जाब्ता साथ में रहा।
कपास की सरकारी खरीद हो शुरु, सौंपा ज्ञापन संगरिया. समर्थन मूल्य पर अमेरिकन कपास/नरमा की खरीद नमी की मात्रा बढ़ाकर अतिशीघ्र शुरु करवाने की मांग किसानों ने प्रशासन से की है। तहसीलदार को इस आशय का एक ज्ञापन सौंपा। बताया कि सरकारी तौर पर अभी तकसीसीआई ने खरीद शुरु नहीं कीहै। लगातार कपास/नरमा में नमी की मात्रा को आधार बनाकर खरीद शुरु नहीं की जा रही, जो किसानों के हित में नहीं है। बारिश होने से नमी अधिक होना स्वाभाविक है।
किसानों को हो रहे नुकसान से बचाने के लिए अति शीघ्र नमी मात्रा को बढ़ाकर सरकारी खरीद शुरु करवाया जाना नितांत आवश्यक है। ऐसा नहीं होने पर किसानों को सड़क पर उतरने को बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में तनवीर अहमद, सूरेंद्र सूच, गुरलाल मान, मनीराम सहू, जसवीर बराड़, हरमीतसिंह, छोटूराम, हरचरणसिंह, विक्रमसिंह, सुरेंद्रसिंह व प्रहलाद आदि शामिल थे।