18 दिन बीते, नहीं लगाया किसे
हनुमानगढ़ के कई नागरिकों ने इलाज के नाम पर पैसे लेने का आरोप लगाते हुए 25 अगस्त को जनसुनवाई के दौरान मंत्री रमेशचंद्र मीणा से शिकायत कर डॉ. अमरजीत को हटाने की मांग की थी। इसी दिन नोहर के लोगों ने ऑपरेशन में टालमटौल करने का आरोप लगाते हुए दूसरी शिकायत की तो स्वास्थ्य विभाग ने 29 अगस्त को तबादला कर दिया। लेकिन इसकी जगह अभी तक किसी चिकित्सक को नहीं लगाया है।
जिला अस्पताल की एमएस गायनी के सप्ताहिक अवकाश के दिन अस्पताल प्रशासन ने तीन निजी अस्पताल के चिकित्सकों का पैनल तैयार कर रखा है। सप्ताह में एक दिन चिकित्सक की छुट्टी होने पर इन तीन निजी अस्पताल के चिकित्सकों में एक को बुलाकर सर्जरी करवाई जा रही है। शेष छह दिन एक ही चिकित्सक से सर्जरी करवाई जा रही है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार कुछ माह पूर्व निजी अस्पताल के चिकित्सकों को बुलाकर रूटीन में सर्जरी की जाती थी। लेकिन इनका भुगतान नहीं होने के कारण व्यवस्था बंद कर दी है। एक सर्जरी के लिए करीब तीन हजार रुपए का भुगतान किया जाता है।
जुलाई में 180 सर्जरी व 500 से अधिक साधारण प्रसव होने पर स्वास्थ्य विभाग की गाइडलाइन के अनुसार न्यूनतम चार एमएस होने चाहिए। जिला अस्पताल में चार गायनिक की जगह केवल एक गायनिक है। जबकि पांच एनस्थेसिया व छह शिशुरोग विशेषज्ञ हैं। इधर पूरे जिले में स्वास्थ्य विभाग के पास दो एमएस हैं। दूसरा चिकित्सक नोहर के सरकारी अस्पताल में है। श्रीगंगानगर जिला अस्पताल में तीन व झुंझुनू के जिला अस्पताल में छह गायनोकोलॉजिस्ट कार्यरत हैं। लेकिन हनुमानगढ़ में एक ही चिकित्सक है।