27 साल बाद पकड़ा गया सजायाफ्ता बंदी
हमीरपुरPublished: Jun 21, 2018 07:19:37 pm
रोशन खां ने साथियों के साथ मिलकर 1976 में गांव के रामसेवक की नृशंस तरीके से हत्या कर दी थी।
27 साल बाद पकड़ा गया सजायाफ्ता बंदी
हमीरपुर. 27 सालों से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर फरार चल रहे सजायाफ्ता बन्दी को पुलिस ने इंगोहटा गांव के बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। इसकी गिरफ्तारी के लिए 2017 में पुलिस अधीक्षक की ओर से 15 हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। पुलिस इसे बड़ी कामयाबी के तौर पर देख रही है। गिरफ्तार सजायाफ्ता बन्दी को पुन: नैनी सेंट्रल जेल के हवाले किए जाने की कार्रवई की जा रही है।
1976 में की थी गांव के रामसेवक की हत्या
इंगोहटा गांव निवासी रोशन खां ने अपने साथियों के साथ मिलकर 1976 में गांव के रामसेवक पालीवाल की नृशंस तरीके से हत्या कर दी थी। इस प्रकरण में गिरफ्तारी के बाद करीब 14 सालों तक ट्रायल चला था। 1990 में कोर्ट ने दोष साबित होने पर रोशन खां सहित इसके साथियों को उम्रकैद की सजा सुनाई थी। जिसके बाद रोशन को इलाहाबाद की नैनी सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। एक साल तक जेल में रहने के बाद 1991 में रोशन खां तीन माह के पैरोल पर छूटकर आया और फरार हो गया। पुलिस ने इसकी काफी खोजबीन की लेकिन कहीं कोई सुराग नहीं लगा। 2017 में पुलिस अधीक्षक ने 15 हजार रुपए का पुरस्कार घोषित किया था। एसपी दिनेश कुमार पी ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए पुलिस टीम की पीठ थपथपाई है।
ईद पर चोरी छिपे आया था गांव
27 सालों से लगातार पुलिस की आंखों में धूल झोंककर फरार घूम रहा रोशन खां इस वक्त 70 साल की उम्र पार कर चुका है। ईद के त्योहार पर वो परिजनों और नाते रिश्तेदारों से मिलने की नीयत से इंगोहटा गांव आया था। तभी किसी ने मुखबिरी कर दी, जिसके बाद स्वाट टीम के प्रभारी एमपी त्रिपाठी और थानाध्यक्ष सुमेरपुर महेंद्र वर्मा ने पुलिस फोर्स के साथ रोशन खां को गांव के बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बताया कि मुखबिर की सूचना पर पुलिस के हत्थे चढ़ा।
कानूनी तौर पर मृत घोषित करने की हो रही थी पैरवी
पैरोल के बाद से फरार चल रहे रोशन खां को कानूनी तौर पर मृत घोषित करने के लिए परिजनों ने कोर्ट में याचिका भी दायर कर रखी थी। ताकि रोशन खां के नाम की संपत्ति और लेनदेन का हक उसके वारिसों को मिल जाए। मगर अब रोशन खां की गिरफ्तारी हो चुकी है।