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ग्वालियर

विदेशी पंरपरा को हमने लागू कर संस्कारों को पीछे छोड़ दिया: मुनिश्री

संस्कारों के बिना अधूरी है शिक्षा, कहा- कुछ समय पूर्व ज्ञान से ज्यादा संस्कारों का महत्व होता था

ग्वालियरFeb 06, 2022 / 02:29 am

राजेंद्र ठाकुर

विदेशी पंरपरा को हमने लागू कर संस्कारों को पीछे छोड़ दिया: मुनिश्री

विदेशी पंरपरा को हमने लागू कर संस्कारों को पीछे छोड़ दिया: मुनिश्री

ग्वालियर. आज बदलते परिवेश में ज्यादातर परिवारों में शिक्षा का बोलबाला चल रहा है। विदेशी पंरपरा को हमने लागू कर संस्कारों को पीछे छोड़ दिया है। जबकि पहले संस्कारों के साथ हर परिवार में शिक्षा दी जाती थी। जिसके परिणाम स्वरुप बेटे और बेटियां चरित्रवान, शीलवान होकर संस्कारवान होते थे। आज लोगों की प्रवृति में भय के कारण सुधार नहीं हो रहा है। साथ ही आज हम बंधन को स्वीकार नहीं करना चाहते जबकि बगैर बंधन के जीवन सुरक्षित नहीं है। आज के बच्चों को संयम की शिक्षा नहीं मिल रही है। यह विचार वात्सल्य सरोवर राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने आज शनिवार को बसंत पंचमी पर विशेष शिक्षा व संस्कार पर नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला में संबोधित करते हुए कही। मुनिश्री विनिबोध सागर महाराज व ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज मौजूद थे।
मुनिश्री ने कहा किआधुनिकता की चकाचौंध तथा विदेशी संस्कृति के पनपते जा रहे प्रकोप से आज शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बोलबाला हो गया है। आज हर माता-पिता अपने बच्चों को उच्च स्तरीय शिक्षा दिलाने के सभी प्रयास कर रहे हैं। जबकि कुछ समय पूर्व ज्ञान से ज्यादा संस्कारों का महत्व होता था। उन्होंने कहा कि बेटियां बहुमूल्य रत्न की तरह है उनकी सुरक्षा के साथ बेटियों को क, ख, ग की तरह शुरुआत कर भगवान ने भी ज्ञान के साथ संस्कार दिए थे। यह परंपरा संस्कारों की प्राचीन काल से चली आ रही है। जिसमें माता-पिता अपने बच्चों को पहले संस्कार के साथ शिक्षा दिलाते थे।
मुनिश्री को महिला महानगर ने बसंत पंचमी आहारचर्या कराई
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम धर्मसभा का शुभारंभ ब्राह्मचारिणी प्रियंका दीदी ने मंगल चरण कर किया।धर्मसभा से पहले मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज को जिनवाणी ग्रँथ राजीव जैन ने भेंट किए। जैन मिलन महिला महानगर ने मुनिश्री की बसंत पंचमी पर आहारचर्या करवाई। मुनिश्री के चरणों में समिति के विनय कासलीवाल, पंकज बाकलीवाल, अनिल जैन, प्रकाशचंद जैन, योगेश बोहरा, आशीष जैन आदि गुरु भक्तों ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया। मुनिश्री के ऑनलाइन शास्त्र प्रवचन 9-00 बजे बजे से होते है।

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