बताया गया है कि कराहल के ग्राम पनवाड़ा निवासी लालाजी यादव और गिर्राज यादव अपनी गुमी भैंसों को ढूंढने बाइक पर जंगल की ओर गए। दोनों चरवाहों का दावा है कि जब ये लोग भारखोह के जंगह में जा रहे थे, तभी खोह के पानी के झरने के पास टाइगर अपने शिकार को खा रहा था। ये देखकर दोनों के पैरा तले की जमीन खिसक गई और बाइक से पीछे ही लौट आए। दोनों चरवाहों का कहना है कि टाइगर गाय के शिकार को खाने मेंं लगा हुआ था, इसलिए उसका ध्यान भ्रमित नहीं हुआ। लेकिन उन्होंने ग्रामीणों को गांव में आकर ये बात बताई।
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तीन माह पूर्व भी दिखा था टाइगर
गत 21 जुलाई को भी टाइगर खोरी के दगरे पर एक शिक्षक को दिखा था। तत्समय शिक्षक सुनील बिरथरे ने दूर से हिम्मत कर के फोटो खींच लिया और बाइक से वापस लौट आए। शुक्रवार को जहां टाइगर दिखा, वो स्थान भी इसी क्षेत्र से 2 किमी दूर बताया गया है।