अब कौन, कहां है
एके गर्ग पुत्र रमेश चन्द्र गर्ग (69) सेवानिवृत्त वरिष्ठ अधीक्षक सिविल एयरपोर्ट ग्वालियर, निवासी कल्पना नगर मुरार, सुनील प्रकाश शर्मा (58) वरिष्ठ प्रबंधक एटीसी खजुराहो, निवासी 6/204 सहारा स्टेट जानकीपुरम, संजीव कुमार सक्सेना (53) वरिष्ठ प्रबंधक एटीसी भोपाल, निवासी ई-11 एलजेक्जर गार्डन न्यू जेल रोड भोपाल।
भारतीय विमान पत्तन प्राधिकरण राजमाता विजयाराजे सिंधिया विमानतल ग्वालियर में जुलाई 2001से जून 2003 तक एसपी शर्मा तथा जून 2003 से जुलाई 2005 तक एसके सक्सेना विमान वरिष्ठ अधिकारी के पद पर थे। जुलाई 2001 से जुलाई 2005 तक वरिष्ठ अधीक्षक कार्मिक के रूप में आरोपी एके गर्ग पदस्थ थे। एसपी शर्मा व एसके सक्सेना के कर्तव्यों में एयरपोर्ट के समग्र पर्यवेक्षण के अलावा यह सुनिश्चित करना शामिल था कि इम्प्रेस्ड राशि का सही व प्राधिकृत तौर पर उपयोग हो। उन्हें यह भी देखना था कि जो सामान खरीदा जा रहा है उसकी एंट्री रजिस्टर में हो। एके गर्ग का काम एयरपोर्ट के दैनिक कार्य के लिए सामान व वस्तुएं खरीदना था। ऑडिट दल ने वर्ष 2002 से 2006 तक के लेन-देन का आंतरिक ऑडिट किया, जांच दल ने पाया कि इम्प्रेस्ड के साथ लगे व्हाउचरों, बिल व केश मेमों में बड़े पैमाने पर कपट पूर्वक बदलाव किए गए थे, जिससे नकदी के गबन का पता चला। रजिस्टरों में कई एंट्रियां की ही नहीं गईं, तो कुछ अधूरी थीं।
गंभीर आर्थिक अनियमितताएं पाए जाने पर विमान पत्तन प्राधिकरण की सतर्कता टीम ने जांच की, जांच दल ने पाया कि एके गर्ग ने यह आर्थिक गड़बड़ की है। जांच में पाया कि एके गर्ग ने खाली खाली केश मेमो खरीद रखे थे, वो अपनी हस्तलिपि में इन्हें भर लेते थे। न्यू अग्रवाल स्टोर के 41 तथा मैसर्स विवेक जनरल स्टोर्स के 5 केश मेमो जारी किए गए थे, जबकि यह संस्थान अस्तित्व में ही नहीं थे। इसका सत्यापन एसपी शर्मा व एसके सक्सेना द्वारा किया गया।