बद्री ने बताया कि नाके पर उनके ***** के नाती का दष्टोन था, परिवार के साथ उसमें गए थे। भारत और उनके परिवार को हंसता खेलता छोडकऱ निकले थे। कार्यक्रम में पहुंचे थे तभी पता चला कि घर में हादसा हो गया है। एक बार तो यकीन नहीं हुआ, सब लोग वहां से घर के लिए भागे, यहां पहुंचे तो भाई, भाभी और उनके बेटे के जले हुए शव पड़े थे। घर में कोहराम मचा हुआ था।
छा गया मातम
कालू कुशवाह ने बताया कि आठ दिन पहले चचेरे भाई विशाल की शादी थी। घर में खुशियों का माहौल था, इसमें भारत और उसका परिवार ने काफी खुश था। किसी को आभास नहीं था कि मातम आने वाला है। सोमवार को हादसे ने उनकी खुशियां मातम में बदल गईं।
मेरी आंखों के सामने जल गए
उस वक्त मम्मी कमरे में खाना बना रही थीं, भाई अर्जुन उनके पास बैठा था, पापा कमरे के बाहर चाय पी रहे थे। उस वक्त थोड़ी देर के लिए मैं भी ऊपर गई थी, जिस सिलेंडर से गैस जल रही थी वह खत्म हो गया था। मम्मी ने उसे बदलने के लिए कहा। दूसरा सिलेंडर उसी कमरे में रखा था, किसी ने ध्यान नहीं दिया तो मम्मी सिलेंडर बदलने के लिए उठीं, उसके बाद कमरे में आग भडक़ गई। मम्मी चिल्लाई तो पापा उन्हें और अर्जुन को बचाने के लिए अंदर भागे। उसके बाद धमाके की आवाज आई। आंखों के सामने तीनों को कमरे में जलते देखा मदद मांगने के लिए बाहर भागी, लेकिन आग बेकाबू थी। किसी ने उन्हें बचाने के लिए अंदर जाने की हिम्मत नहीं जुटाई।
सामान खाक, छत का प्लास्टर गिरा
आग लगने से भारत कुशवाह के कमरे में रखी पूरी गृहस्थी जलकर खाक हो गई। उनके कमरे की छत का प्लास्टर भी टूट कर नीचे गिर गया। छत पर लगा पंखा भी टेढ़ा होकर नीचे लटक गया था। कमरे में कोई सामान नहीं बचा था।जो दरवाजा उखड कर आंगन में गिरा था उस पर ही तीनों शवों को रखकर बाहर निकाला गया।
आग लगने से भारत कुशवाह के कमरे में रखी पूरी गृहस्थी जलकर खाक हो गई। उनके कमरे की छत का प्लास्टर भी टूट कर नीचे गिर गया। छत पर लगा पंखा भी टेढ़ा होकर नीचे लटक गया था। कमरे में कोई सामान नहीं बचा था।जो दरवाजा उखड कर आंगन में गिरा था उस पर ही तीनों शवों को रखकर बाहर निकाला गया।
हमें लावारिस छोड़ गए
भारत कुशवाह के परिवार में बेटी दीपा (18), जुड़वा भाई दीपक ( 18) और बेटा करण (16) बचे हैं। माता पिता और छोटे भाई अर्जुन के जिंदा जलने पर तीनों बिलख रहे थे। लिपट कर रोते हुए कह रहे थे कि मम्मी पापा चले गए हमें अनाथ छोड़ गए। अब हमारा क्या होगा। करण ने बताया कि पिता का हाथ बंटाने के लिए वह और दीपक भी दुकान पर काम करते हैं। उस वक्त वह दोनों भी दुकान पर थे। पता चला कि घर में आग लग गई और मम्मी पापा उसमें फंसे हैं तो भाग कर घर आए, लेकिन तब तक परिवार उजड़ चुका था।
जान बचाने बाहर भागा, एक घंटे तक भडक़ती रही आग
केशव ने बताया भाई, भाभी का परिवार घर की दूसरी मंजिल पर एक कमरे में रहता था। सामने के कमरे में उसका परिवार रहता है। रात करीब 8:30 बजे भारत के कमरे में गैस सिलेंडर लीक होने पर आग भडक़ी समय में कमरे में ही था। भाई, भाभी चिल्ला रहे थे, उनका कमरा आग की लपटों से घिरा था। कमरे के ठीक सामने सिलेंडर फट सकता है तो आशंका से डर कर कमरे से निकल कर बाहर आ गया। करीब एक घंटे तक उनके कमरे में आग भडक़ती रही, लेकिनउसमें जाने की हिम्मत नहीं हुई। फायर ब्रिगेड ने आकर उसे बुझाया तब तक भाई, भाभी और भतीजा अर्जुन जिंदा जल चुके थे।
कमरा छोटा, नहीं थी खिडक़ी भी
पुलिस के मुताबिक परिवार को उजाडऩे वाली आग कमरे में किस तरह भडक़ी जांच में पता चलेगा। शुरुआती तफ्तीश में माना गया है कि खाली सिलेंडर को बदलते समय उसकी लेजम सही तरीके से गैस से भरे सिलेंडर के मुंह पर फिट नहीं हुई है, उससे गैस रिसी है। छोटा कमरा होने की वजह से गैस भरने से घटना हुई है। भारत के कमरे में सिर्फ एक दरवाजा और खिडक़ी है। रसोई खिडक़ी के पास बना रखी थी, इसलिए खिडक़ी को भी बंद रखते थे।
पुलिस के मुताबिक परिवार को उजाडऩे वाली आग कमरे में किस तरह भडक़ी जांच में पता चलेगा। शुरुआती तफ्तीश में माना गया है कि खाली सिलेंडर को बदलते समय उसकी लेजम सही तरीके से गैस से भरे सिलेंडर के मुंह पर फिट नहीं हुई है, उससे गैस रिसी है। छोटा कमरा होने की वजह से गैस भरने से घटना हुई है। भारत के कमरे में सिर्फ एक दरवाजा और खिडक़ी है। रसोई खिडक़ी के पास बना रखी थी, इसलिए खिडक़ी को भी बंद रखते थे।
माना जा रहा है कि ठंड की वजह से दरवाजा भी बंद रहा है इसलिए कमरे में गैस भर गई। उधर दूसरी थ्योरी में आशंका है कि सिलेंडर बदलते समय लेजम सही नहीं लगने से गैस भडक़ी है। उसकी चपेट में भारत उसकी पत्नी और बेटा आया है। कमरे में रखे सामान में भी आग लगने से तीनों अंदर फंस कर रह गए। आग की लपटें तेज होने की वजह से उन्हें बाहर निकलने का मौका नहीं मिला।