पाठक जब यहां पहुंचे तो स्कूल के दो कमरों में ताला पड़ा हुआ था। उन्होंने इन्हें खुलवाया तो इनमें बच्चों के लिए आने वाली किताबें और स्टेशनरी पड़ी हुई थी। इसके अलावा स्कूल के लिए आए नए पंखे, एलईडी बल्ब भी बंद पड़े हुए थे। इस लापरवाही पर उन्होंने नाराजगी जताई। वहीं प्रिंसिपल इसका कोई जवाब नहीं दे पाई कि ये किताबे क्यों नहीं बांटी गई और पंखे होते हुए बच्चों को गर्मी में क्यों पढ़ाया जा रहा था।
यदि किसी बच्चे को टॉयलेट जाना हो तो उसे अपने घर ही जाना पड़ता है क्योंकि टॉयलेट भी यहां चालू नहीं थे। मौके पर पहुंचे बीआरसी से कहा कि वे विद्यालय का निरीक्षण कर यहां की व्यवस्थाओं को सुधारें अन्यथा उन्हें यह विचार करना चाहिए कि क्या वे नौकरी के योग्य है या नहीं।
स्कूल में लगाए गए सोलर पैनल भी बंद पड़े हुए थे। जनता के पैसे की किस तरह बर्बादी की जा रही है इसका यह उदाहरण था। इस दौरान पाठक ने बच्चों से चर्चा भी की।
बैठक आज
विधायक १६ जुलाई को दोपहर दो बजे गजराराजा स्कूल में दक्षिण क्षेत्र में आने वाले स्कूलों के प्राचार्यों, प्रधानाध्यापकों के साथ बैठक करेंगे। यहां उल्लेखनीय है कि नगर निगम स्कूलों में व्यवस्थाओं के नाम पर लोगों से कर वसूलता है।