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स्मार्ट क्लासें तैयार, टीचर्स की ट्रेनिंग नहीं, बच्चे कैसे करेंगे हाइटेक तरीके से पढ़ाई

locationग्वालियरPublished: Sep 18, 2018 07:30:06 pm

स्मार्ट क्लास की टीचर्स को ट्रेनिंग ही नहीं दी गई है, जिससे जो क्लास तैयार हो गई हैं, वहां भी बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

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स्मार्ट क्लासें तैयार, टीचर्स की ट्रेनिंग नहीं, बच्चे कैसे करेंगे हाइटेक तरीके से पढ़ाई

ग्वालियर. हाईटेक जमाने की नई तस्वीर स्कूल में शिक्षा की तस्वीर बदल रही है। अब कक्षाओं में छात्रों की पढ़ाई, पहले से ज्यादा सुविधाजनक और हाईटेक हो गई हैं। देश के कई स्कूलों में ब्लैकबोर्ड के जगह प्रोजेक्टर्स, टीचर के हाथ में चॉक की जगह स्टाइलस डिवाइस और बच्चों के हाथ में पेन पेंसिल की जगह रिमोर्ट कंट्रोल आ गए हैं।
नए शैक्षणिक सत्र को शुरू हुए 3 महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रहीं स्मार्ट क्लास का कार्य पूर्ण नहीं हो पाया है। हाईटेक तरीके से स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए शुरू की गई स्मार्ट क्लास योजना सिर्फ खानापूर्ति साबित हो रही है। शिक्षा विभाग ने पहले जहां सभी स्कूलों को हाईटेक करने की बात कही थी, लेकिन बाद में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत स्मार्ट क्लास बनाने की शुरूआत की गई।
पहले फेज में 36 स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जानी थीं, लेकिन अभी तक यह कार्य पूर्ण नहीं हो सका है। एेसे में स्टूडेंट्स को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों की मानें तो ५ स्कूलों में स्मार्ट क्लास का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और यहां क्लास शुरू हो गई हैं, लेकिन पत्रिका एक्सपोज की लाइव ग्राउंड रिपोर्ट के दौरान पता चला कि स्मार्ट क्लास की टीचर्स को ट्रेनिंग ही नहीं दी गई है, जिससे जो क्लास तैयार हो गई हैं, वहां भी बच्चों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। एेसे में स्मार्ट तैयार होने के बाद भी इसका लाभ बच्चों को मिलना फिलहाल मुश्किल दिखाई दे रहा है।
निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों के बच्चे भी हाईटेक तरीके से शिक्षा ग्रहण कर सकें, इसके लिए शिक्षा विभाग ने स्मार्ट क्लास योजना बनाई थी। इसके तहत सबसे पहले शिक्षा विभाग ने उत्कृष्ट विद्यालय में स्मार्ट क्लास की शुरुआत की थी, लेकिन इसके बाद यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी। बाद में इसे स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में हस्तांतरित कर दिया गया। इसके तहत 36 स्कूलों को शामिल किया गया।
बनने के बाद भी नहीं हुई शुरू, शिक्षक नहीं हैं ट्रेंड

जिन पांच स्कूलों में स्मार्ट क्लास का कार्य पूर्ण हो गया है। वहां भी बच्चे सामान्य तरीके से ही पढ़ाई कर रहे हैं। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण है कि शिक्षकों को ही स्मार्ट क्लास के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है। पत्रिका टीम पदमा स्कूल पहुंची तो क्लास खाली पड़ी थी और यहां कोई भी स्टूडेंट्स मौजूद नहीं था। मामा का बाजार स्कूल में तो स्मार्ट क्लास बंद थी। पूछने पर पता चला कि शिक्षकों को ट्रेंड ही नहीं किया गया है, जिसके कारण क्लास शुरू नहीं हो पाई है। जबकि स्मार्ट क्लास प्रोजेक्ट के तहत शिक्षकों को भी टे्रंड किया जाना था ये काम स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अंतर्गत ही होना था।
क्या है स्मार्ट क्लास योजना
हाईटेक तरीके से बच्चों को पढ़ाने के लिए स्मार्ट सिटी योजना बनाई गई है। स्मार्ट क्लास में क्लास को रेनोवेट करना था। इसके साथ ही इसमें एक इंपेक्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर, सीसीटीवी कैमरे, कंप्यूटर जिसमें पहली से लेकर १२वीं तक का स्टडी मटेरियल है। इसके अलावा क्लास को कुछ खास तरह से डेकोरेट भी किया जाना था।
नहीं दी अभी तक ट्रेनिंग
-स्मार्ट क्लास तो बन गई है लेकिन अभी तक शिक्षकों को ट्रेंड नहीं किया गया है। जिसके कारण स्मार्ट क्लास होते हुए भी हम बच्चों को इसके माध्यम से अध्यापन नहीं करवा पा रहे हैं। स्मार्ट सिटी के तहत कभी कभी तो एक्सपर्ट आते हैं लेकिन प्रॉपर ढंग से अभी तक ट्रेनिंग नहीं दी गई है।
आरएस सिकरवार, प्राचार्य हाईस्कूल मामा का बाजार
जल्द पूर्ण किया जाएगा कार्य
-36 में से 5 स्कूलों में स्मार्ट क्लास का कार्य पूर्ण हो गया है। यहां क्लास शुरू हो गई हैं, इसके लिए शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है जहां शिक्षक टे्रंड नहीं है उन्हें प्रशिक्षित किया जाएगा। बाकी स्मार्ट क्लास का कार्य भी जल्द पूर्ण हो जाएगा। सेकंड फेज में बचे हुए स्कूलों में स्मार्ट क्लास बनाई जाएंगी।
अंकित शर्मा, ईई, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट

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