scriptभक्त तुलसीदास की गुहार सुन जागे श्रीराम | Shriram, listening to the devotees of Tulsidas | Patrika News
ग्वालियर

भक्त तुलसीदास की गुहार सुन जागे श्रीराम

डेढ़ घंटे तक चले नाटक के बीच दर्शकों ने जयश्रीराम का उद्घोष कर अपना प्रेम भी प्रकट किया।

ग्वालियरApr 14, 2019 / 07:15 pm

Avdhesh Shrivastava

Drama

भक्त तुलसीदास की गुहार सुन जागे श्रीराम

ग्वालियर. रंग कुटुंब संस्था की ओर से शनिवार को ‘गोस्वामी तुलसीदास’ नाटक का मंचन किया गया। नाटक में तुलसीदास के मानस से रामचरित की जो शील शक्ति, सौंदर्यमयी स्वच्छ धारा निकली, उसने उपस्थित दर्शकों में भगवान राम के रूप का प्रतिबिंब झलका दिया। डेढ़ घंटे तक चले नाटक के बीच दर्शकों ने जयश्रीराम का उद्घोष कर अपना प्रेम भी प्रकट किया। नाटक का निर्देशन सीमा सोनी का रहा। लेखन एवं संगीत जफर संजरी का और सहायक निर्देशन के रूप में सरिता सोनी और विवेक शर्मा रहे।
जागी रघुनाथ कुंवर… : नाटक गोस्वामी तुलसीदास मुखर रूप से दर्शक के समक्ष आता है। गोस्वामी तुलसीदास के वचनों में हृदय स्पर्श करने की जो शक्ति है, वो अन्यत्र दुर्लभ है। गुसाईं की वाणी में भक्ति की इतनी शक्ति है कि उस वाणी को थल से गगन तक पहुंचते देर नहीं लगती। जब वे भक्ति में लीन होकर गाते है जागी रघुनाथ कुंवर…, तब देव लोक में विश्राम करते हुए राम भी अपने परम भक्त तुलसीदास की गुहार सुनकर नींद से जाग उठते हैं। प्रस्तुत नाटक में स्वयं भगवान राम अपने भक्त तुलसीदास के जीवन की चर्चा पत्नी सीता से करते हैं और जानकी सीता के लिए आनंद का विषय ये है कि पृथ्वी लोक में भक्त तुलसीदास भगवान राम की कथा अपने श्रोताओं को सुनाते हैं और इधर देव लोक में भगवान राम स्वयं सीता को अपने भक्त तुलसीदास की कथा सुनाते हैं और गाते भी हैं ‘हम तुलसी के तुलसी हमारे…’।
पात्र-परिचय : तुलसीदास- विमल वर्मा, रत्नावली- सीमा सोनी, राम- विवेक शर्मा, सीता- पूजा शर्मा, क्रोधी बाबा- विवेक सोनी, हनुमान- अजय तिवारी, मालती- खुशबू सोनी, दसराज- राहुल शाक्य, पंडित- दुर्गेश पाठक, विरक्त- सौरभ कटारे, धनीराम- रामवरन परसैडिय़ा, पंडा- केतन नार्वे, मंदार केतकर।
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