क्या होता है एलएचबी
रिसर्च डिजाइन्स एंड स्टैंडर्ड ऑर्गनाइजेशन आरडीएसओ ने करीब दस साल पहले ऐसे कोच बनाए थे। जो आपस में टकरा न सकें। इन्हे लिंक हॉफमेन बुश एलएचबी कोच नाम दिया गया। इन टक्कर रोधी कोच का आलमनगर में सफर परीक्षण किया था। उसके बाद कोचों के डिजाइन में सुधार भी किया। एलएचबी कोचों और सीबीसी कपलिंग होने से ट्रेन के कोचों के पलटने और एक दूसरे पर चढऩे की गुंजाइश नहीं रहती है।
जनरेटर कार का इंतजार
सुशासन एक्सप्रेस में लगने के लिए एसी और स्लीपर कोच आ चुके हैं। इसमें अब ट्रेन के पीछे लगने वाले दो में से एक जनरेटर कार कोच का इंतजार है। इसके आने के बाद यह पूरी तैयार हो जाएगी। इसके बाद ग्वालियर से इस ट्रेन को चलाया जाएगा।
मनोज कुमार सिंह, पीआरओ झांसी मंडल