scriptस्कूल और मंदिर प्रबंधन की खींचतान में छात्राओं की जान को खतरा | School and temple management threatens life of girl students | Patrika News

स्कूल और मंदिर प्रबंधन की खींचतान में छात्राओं की जान को खतरा

locationग्वालियरPublished: Jul 21, 2019 01:48:43 pm

Submitted by:

Parmanand Prajapati

स्कूल और मंदिर प्रबंधन की खींचतान में छात्राओं की जान को खतरा
 

स्कूल और मंदिर प्रबंधन की खींचतान में छात्राओं की जान को खतरा

स्कूल और मंदिर प्रबंधन की खींचतान में छात्राओं की जान को खतरा

ग्वालियर. सनातन धर्म मंदिर और स्कूल प्रबंधन की आपसी खींचतान के कारण स्कूल परिसर में अव्यवस्थाएं हैं। नियमित सफाई नहीं होने के कारण हर समय गंदगी पसरी रहती है, जिसके कारण स्कूूल परिसर में संक्रामक बीमारियां फैल रही हैं, जिसका शिकार स्कूल में अध्ययनरत बच्चे हो रहे हैं। साथ ही मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहन भी स्कूल परिसर में खड़े किए जाते हैं, जिसके कारण बच्चों को खेल के लिए मैदान उपलब्ध नहीं हो पाता है। सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने के कारण शाम होते ही असामाजिक तत्वों का जमघट भी लगने लगता है। इसके बावजूद दोनों प्रबंधन परिसर की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए पल्ला झाड़ रहे हैं।

सनातन धर्म मंदिर और सनातन धर्म स्कूल एक ही परिसर में हैं, लेकिन परिसर में सफाई पर न तो स्कूल प्रबंधन द्वारा ध्यान दिया जाता है, न ही मंदिर प्रबंधन द्वारा सफाई कराई जाती है। मंदिर में आए दिन भंडारे का आयोजन किया जाता है, ऐसे में श्रद्धालु कई प्रकार की सामग्री परिसर में ही छोडक़र चले जाते हैं, जिसकी सफाई नहीं होने के कारण कचरा सड़ता रहता है, जिससे दुर्गंध आने के कारण स्कूल में पढऩे वाले बच्चों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। स्कूल में पढऩे वाले बच्चों के लिए जो मैदान है, वहां पर मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को खड़ा कराया जाता है, जिससे बच्चों को खेलने के लिए जगह नहीं मिलती है। स्कूल प्रबंधन द्वारा मंदिर प्रबंधन से परिसर मेें सफाई कराने की बात कही जाती है तो मंदिर प्र्रबंधन द्वारा कह दिया जाता है कि यह जिम्मेदारी स्कूल प्रबंधन की है, वहीं स्कूल प्रबंधन भी मंदिर प्रबंधन की जिम्मेदारी बताकर अपना पल्ला झाड़ लेता है, जिसके कारण स्कूल परिसर में फैली गंदगी से छात्रों को निजात नहीं मिल पा रही है। इसके लिए कई बार प्रयास भी किए गए हैं, लेकिन स्कूल और मंदिर प्रबंधन की खींचतान के कारण परिसर में सुधार होते हुए नहीं दिख रहा है। इधर, दोपहर ३ बजे स्कूल के गेट बंद हो जाने के बाद परिसर में असामाजिक तत्वों का जमघट लगने लगता है, जिनके द्वारा पूरे परिसर में गंदगी फैलाई जाती है, जिन्हें कोई रोकने-टोकने वाला नहीं रहता है। असामाजिक तत्वों द्वारा मनमानी कर व्यवस्थाओं को बिगाड़ा जा रहा है, जिसका खामियाजा स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को भुगतना पड़ रहा है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो