scriptSandesh App: थानों में शुरु होगा ‘संदेश ऐप’, सनसनीखेज मामलों को होगी मॉनिटरिंग | 'Sandesh App' will start in police stations of the state after elections | Patrika News
ग्वालियर

Sandesh App: थानों में शुरु होगा ‘संदेश ऐप’, सनसनीखेज मामलों को होगी मॉनिटरिंग

Sandesh App: एनआइसी (राष्ट्रीय सूचना केंद्र) व स्टेट क्राइम ब्यूरो भोपाल के अधिकारियों ने हाईकोर्ट में दी ये जानकारी

ग्वालियरMay 03, 2024 / 03:33 pm

Ashtha Awasthi

Sandesh App: जिला एवं सत्र न्यायालय में लंबित ट्रायलों में तेजी लाने के लिए संदेश ऐप तैयार हो चुका है। कंपू, पड़ाव, विश्वविद्यालय व इंदरगंज थाने में दर्ज एक-एक एफआइआर का डेटा ऐप में फीड किया है। केस के जांच अधिकारी ने मोबाइल में इस ऐप को डाउनलोड भी कर लिया है। जैसे-जैसे केस से संबंधित सूचना जारी होंगी, उसमें फीड किया जाएगा। चुनाव बाद पूरे प्रदेश में संदेश ऐप को लागू किया जाएगा। सनसनीखेज मामलों की ट्रायल को ऐप के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी। यह जानकारी गुरुवार को एनआइसी (राष्ट्रीय सूचना केंद्र) व स्टेट क्राइम ब्यूरो भोपाल के अधिकारियों ने हाईकोर्ट में में दी।
याचिका की सुनवाई अब जुलाई में होगी ।दरअसल इंदरगंज थाने ने गवाहों को धमकाने के आरोप में राधेश्याम सिंह तोमर को गिरफ्तार कर लिया था। उसने हाईकोर्ट में तीसरी बार जमानत याचिका दायर की। उसकी ओर से तर्क दिया गया कि उसे झूठा फंसाया गया है। विचारण में समय लग रहा है। ऐसी स्थिति में लंबे समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता है। इसलिए जमानत पर रिहा किया जाए। कोर्ट ने केस के तथ्यों को देखते हुए आदेश दिया था कि हर केस का वाट्सएप ग्रुप तैयार किया जाए। उसके बाद संदेश ऐप बनाने का आदेश दिया है। एनआइसी व स्टेट क्राइम ब्यूरो ने यह ऐप तैयार किया है, जिसमें फरियादी, गवाह, डॉक्टर, एक्सपर्ट जांच अधिकारी को अपडेट मिलेगा कि केस किस स्थिति में चल रहा है।

चार थानों का एक-एक केस लिया गया

● कंपू, पड़ाव, विश्वविद्यालय व इंदरगंज थाने में दर्ज सनसनीखेज मामले की जानकारी संदेश ऐप में फीड की गई है। इसमें केस के फरियादी, गवाह, डॉक्टर, पुलिस के जांच अधिकारी, फॉरेंसिक एक्सपर्ट की जानकारी फीड की जाएगी। यदि कोई गवाह को धमकाता है तो उसकी भी सूचना दी जा सकती है।
● यदि कोई उपस्थित नहीं हो रहा है तो उसकी जानकारी भी वरिष्ठ अधिकारी तक पहुंच जाएगी।

● जिला कोर्ट में जो ट्रायल लंबित हैं, उसमें गवाह समय पर नहीं पहुंचते हैं, जिससे लंबे समय तक ट्रायल चलती है। इस समय को घटाने के लिए संदेश ऐप तैयार किया है, जिससे केस का फैसला जल्द हो सके।

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