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इस लड़के की प्रतिभा देख मोदी और कलाम ने किया था सम्मानित, IAS बनकर करना चाहता है देश की सेवा

locationग्वालियरPublished: Jan 05, 2018 03:20:58 pm

Submitted by:

Gaurav Sen

दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता, लेकिन सपना आईएएस बनकर समाज की सेवा करने का। खुद सहारा लेकर चलना पड़ता है, लेकिन हौसला है

rajendra dhurvey

महेश गुप्ता @ ग्वालियर

दोनों आंखों से दिखाई नहीं देता, लेकिन सपना आईएएस बनकर समाज की सेवा करने का। खुद सहारा लेकर चलना पड़ता है, लेकिन हौसला है हर उस व्यक्ति का सहारा बनने का जो दिव्यांग है…। कुछ इसी तरह का जुनून शहर के राजेन्द्र धुर्वे में है, उन्होंने प्रथम प्रयास में एमपीपीएससी मुख्य परीक्षा दी।

 

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उन्होंने अपनी पढ़ाई ब्रेल लिपि से की और आज टेक्नोलॉजी का सहारा लेते हुए अपनी अच्छी पोजीशन बनाई है। राजेन्द्र पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की बुक ‘विंग्स ऑफ फायर और विजन २०-२०Ó को ब्रेल लिपि में ट्रांसलेट कर चुके हैं। फोर्ट स्थित मॉन्युमेंट्स में लगे अभिलेख में लिखी ब्रेल लिपि में भी राजेन्द्र की टीम का सहयोग है।


डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम व मोदी कर चुके हैं सम्मानित
पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने राजेन्द्र को नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा लाल किले पर नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। रिलायंस समूह की नीता अंबानी ने भी राजेन्द्र को मुंबई बुलाकर रिलायंस नेशनल अवॉर्ड से सम्मानित किया है।

 

राजेन्द्र अमेरिकन सॉफ्टवेयर जॉस से करते हैं पढ़ाई
राजेन्द्र धुर्वे पहले भले ही ब्रेल लिपि का सहारा ले रहे हों, लेकिन समय के साथ वह अपडेट हुए। अब वह अपनी पढ़ाई लैपटॉप से करते हैं। उनके लैपटॉप में अमेरिकन सॉफ्टवेयर ‘जॉसÓ डाउनलोड है। कोई भी ‘कीÓ दबाते ही वह नाम बोलता है। इससे उनकी पढ़ाई में मदद मिलती है।

 

फेसबुक से मिली जानकारी

भोपाल के लाइब्रेरियन लक्ष्मीनारायण ने राजेन्द्र की कहानी फेसबुक पर शेयर की। जिसे निर्माण कोचिंग के डायरेक्टर संजय गुप्ता ने पढ़ा और राजेन्द्र को ग्वालियर बुलाया। उसके कॉन्फीडेंस और टैलेंट को देखकर एमपीपीएससी की फ्री क्लास की सुविधा के साथ रहने का भी इंतजाम कराया।

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