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तीन महीने से नहीं सुनी रात में पुलिस की सीटी, अब कोई घटना हो तो ही आती है

locationग्वालियरPublished: Sep 03, 2018 06:51:18 pm

Submitted by:

Rahul rai

पुजारी दामोदर कहते हैं कि पुलिस की लापरवाही का नतीजा है कि पहाड़ी पर खुलेआम जुआ चलता है। शाम को नशेडिय़ों की जमात इकट्ठा होती है

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तीन महीने से नहीं सुनी रात में पुलिस की सीटी, अब कोई घटना हो तो ही आती है

ग्वालियर। तीन महीने पहले रात में पुलिस की सीटी सुनी थी, उसके बाद से गश्त बंद है। 13 दिन पहले चोरी हुई तब हो हल्ला मचा तो उस दिन जरूर पुलिस आई थी, उसके बाद सुरक्षा फिर अपने बूते है, जबकि सबको पता है कि बस्ती में खुलेआम जुआ, नशा चलता है, आवाराओं का जमावड़ा रहता है, अभी भी जुआरियों की टोली पत्ते फेंट रही है, अगर इन्हें यहां से हटने के लिए कहेंगे तो अपनी जान खतरे में पड़ेगी। अफसरों को भी बताकर थक चुके हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं है। सत्यनारायण की टेकरी पर प्राचीन भैरों मंदिर के पुजारी दामोदर त्यागी यह कहकर चुप हो जाते हैं। फिर मंदिर के कोने में रखा रजिस्टर उठाकर कहते हैं कि यह उन्हें थाने से दिया गया था, तब कहा था कि रात को गश्त में आने वाली पुलिस पार्टी इसमें हस्ताक्षर करेगी। कुछ दिन तो नियम से पेट्रोलिंग हुई, लेकिन 14 मई के बाद कोई नहीं आया।
पुजारी दामोदर कहते हैं कि पुलिस की लापरवाही का नतीजा है कि पहाड़ी पर खुलेआम जुआ चलता है। शाम को नशेडिय़ों की जमात इकट्ठा होती है। पत्रिका की टीम ने जायजा लिया तो सत्यनारायण की टेकरी पर दिन के वक्त जुआरी बेधडक़ दांव लगा रहे थे। दूसरी टोली बावड़ी के अंदर पत्थरों पर बैठी थी।
दिन छोड़ो रात में भी नहीं आती पुलिस
सुरक्षा के यह हाल सिर्फ घनी बस्ती में ही नहीं हैं, बल्कि पॉश कॉलोनी हरिशंकरपुर से सटी सांई कॉलोनी में भी यही हालात थे। यहां लोगों का कहना था करीब दो साल पहले कॉलोनी में चोरी होने पर हल्ला मचा था, तब पुलिस ने कुछ दिन गश्त किया था। उसके बाद सब बंद हो गया। कॉलोनी के सामने बलवंत भइया की कोठी पर दिन में तमाम आवारा लोग आते हैं। पुलिस से कई बार बता चुके हैं। यहां दिन की बात छोड़ो रात में भी पुलिस का मूवमेंट नहीं है। डायल 100 और पुलिस की गाडिय़ां मेन रोड से होकर निकल जाती हैं। कॉलोनी में एक राउंड तक नहीं लगातीं।
दो थानों की सीमा, लेकिन पुलिस किसी की नहीं आती
झांसी रोड और विश्वविद्यालय थाने की हद पर बसे सिंधिया नगर में रहने वालों की परेशानी भी यही थी। वासुदेव गुर्जर निवासी सिंधिया नगर का कहना था कि दो थानों की सीमा उनकी बस्ती को छूती है, लेकिन पुलिस किसी भी थाने की नहीं आती। जब कोई घटना होती है तब आती है। बदमाशों का मूवमेंट रहता है।
अपने स्तर पर किया सुरक्षा का इंतजाम
करीब दो साल पहले घर में चोर घुसे थे, तब लोगों ने अपने स्तर पर गश्त और सुरक्षा के इंतजाम किए थे। उस दौरान पुलिस ने कॉलोनी में आना शुरू किया, लेकिन फिर बंद कर दिया। डेढ़ साल से ज्यादा हो गया पुलिस नहीं दिखी है।
ममता, निवासी सांई कॉलोनी
पेट्रोलिंग के लिए अधिकारियों से मिलेंगे
दिन के वक्त ज्यादातर घर में महिलाएं और बच्चे अकेले रहते हैं। कॉलोनी के सामने पहाड़ी पर बाहरी और आवारा लोगों का आना- जाना रहता है। आम रास्ता नहीं होने से तार फेंसिंग कर बंद भी किया, लेकिन लोगों ने उसे तोड़ दिया। कॉलोनी की महिलाएं एसपी से पेट्रोलिंग कराने के लिए कहने की तैयारी में हैं। वंदना आनंद, निवासी सांई कॉलोनी
इन बस्तियों की सुरक्षा पर सवाल
शहर की कई घनी बस्तियों में लोग पेट्रोलिंग को लेकर सवाल उठा रहे हैं। लोगों का कहना है कि थाने में शिकायत करो तो जवाब मिलता है कि फोर्स कम है, डायल 100 गश्त करती है, लेकिन रात को वह भी ज्यादातर मेन रोड पर हूटर बजाकर किसी ठिकाने पर खड़ी हो जाती है। गश्त को लेकर गुप्तेश्वर पहाड़ी, जागृति नगर का पिछला हिस्सा, निम्बाजी की खोह की पहाड़ी, जनकताल पहाड़ी पर बनी बस्ती, डलिया वाला मोहल्ला, खजांची बाबा की दरगाह बस्ती, सिंधिया नगर, जारगा रोड, सहित गिरगांव और उससे सटे इलाके में लोग कहते हैं कि उनके यहां गश्त में लापरवाही से सुरक्षा भगवान भरोसे है।
गश्त में कोताही नहीं होगी
जिन बस्तियों में गश्त को लेकर लोगों ने परेशानी बताई है, वहां गश्त क्यों नहीं हो रहा है, पता किया जाएगा। पेट्रोलिंग के लिए डायल 100 रहती हैं। जिन इलाकों में गश्त की समस्या है लोग उनकी जानकारी दें।
नवनीत भसीन, एसपी ग्वालियर
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