scriptकर्मचारियों के लिए फंड नहीं, अधिकारियों के बंगले पर लाखों खर्च | No funds for employees, lakhs spent on officers' bungalow | Patrika News
ग्वालियर

कर्मचारियों के लिए फंड नहीं, अधिकारियों के बंगले पर लाखों खर्च

कर्मचारियों के सरकारी आवास काफी जर्जर हालत में हैं। इनमें से चार कर्मचारी आवासों की मरम्मत के लिए सर्किल ऑफिस में स्टीमेट भेजा गया तो वहां से संबंधित कर्मचारियों को पत्र भेज दिया कि विभाग के पास बजट नहीं हैं। इसलिए फिलहाल मरम्मत नहीं कराई जा सकती।

ग्वालियरJan 25, 2022 / 07:49 pm

राजेश श्रीवास्तव

कर्मचारियों के लिए फंड नहीं, अधिकारियों के बंगले पर लाखों खर्च

कर्मचारियों के लिए फंड नहीं, अधिकारियों के बंगले पर लाखों खर्च

ग्वालियर. ग्वालियर-चंबल संभाग के जल संसाधन विभाग के कर्मचारियों के जर्जर आवासों की मरम्मत के लिए विभाग के पास पैसा नहीं हैं, वहीं अधिकारियों के बंगलों के मरम्मत पर लाखों रुपए पानी की तरह बहा दिए। विभाग की इस पॉलिसी से कर्मचारियों में काफी आक्रोश है। कर्मचारियों का आरोप है कि सर्किल कार्यालय में जो सुविधा शुल्क दे आता है, उसको फंड स्वीकृत कर दिया जाता है। कर्मचारियों के सामने बच्चे पालना मुश्किल हो रहा है फिर मरम्मत के लिए राशि स्वीकृति को पैसे कहां से आएं।
जल संसाधन विभाग के मुरैना में चंबल कॉलोनी में स्थित कर्मचारियों के सरकारी आवास काफी जर्जर हालत में हैं। इनमें से चार कर्मचारी आवासों की मरम्मत के लिए सर्किल ऑफिस में स्टीमेट भेजा गया तो वहां से संबंधित कर्मचारियों को पत्र भेज दिया कि विभाग के पास बजट नहीं हैं। इसलिए फिलहाल मरम्मत नहीं कराई जा सकती। वहीं विभाग के एक एसडीओ का बंगला तैयार किया गया है। उसकी मरम्मत पर दो लाख से अधिक रुपया खर्च किया जा चुका है। खास बात तो यह है कर्मचारियों के आवासों पर हजारों रुपए लगाकर मरम्मत कराई जा सकती थी तो उसके लिए पैसा नहीं था और एसडीओ के बंगले की मरम्मत में लाखों रुपए खर्च कर दिए। सर्किल कार्यालय के जिम्मेदार लोगों की इस दोहरी नीति को लेकर कर्मचारियों में काफी आक्रोश है।
पीएचई कालोनी की स्थिति दयनीय

वहीं ग्वालियर के पीएचई कालोनी में अव्यवस्थाओं का आलाम हैं। यहां कालोनी में किसी तरह का डवलपमेंट न होने से कर्मचारियों में रोष हैं। कालोनी में जहां-वहां कचरें के ढेर व कालोनी में बने आवास भी जर्जर हो रहे हैं। रात में कालोनी में पर्याप्त उजाला न होने से आपराधिक तत्व के लोग यहां-वहां बैठकर शराब पीते रहते हैं।
इन कर्मचारी आवासों का भेजा था स्टीमेट

चंबल कॉलोनी में स्थित जल संसाधन विभाग के जिन कर्मचारी आवासों की मरम्मत के लिए स्टीमेट भेजा था उनमें के एम शर्मा एस टाइप, रविन्द्र सिकरवार एस टाइप, देवेन्द्र सिकरवार आइ टाइप, रघुराज सिकरवार आइ टाइप का स्टीमेट भेजा था। इन आवासों में दीवार की मरम्मत व प्लास्टर बगैरह का काम होना था लेकिन सर्किल कार्यालय से इनका पत्र भेजकर अवगत करा दिया है कि विभाग के पास फंड नहीं हैं।

Hindi News/ Gwalior / कर्मचारियों के लिए फंड नहीं, अधिकारियों के बंगले पर लाखों खर्च

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो