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ग्वालियर

Lok saha morena गोद लेकर सींगपुरा गांव भूले सांसद तोमर, मिडिल स्कूल है न सडक़ें

मुरैना-पोरसा रोड (पचपेड़ा) से 1.50 किमी दूर स्थित सींगपुरा पंचायत। यह दिखने में जिले की दूसरी सामान्य पंचायतों जैसी है। विशेषता ये है कि इसे पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री (अब विधानसभा अध्यक्ष) नरेंद्र सिंह तोमर ने आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था।

ग्वालियरMar 09, 2024 / 12:01 am

Avdhesh Shrivastava

Lok saha morena   गोद लेकर सींगपुरा गांव भूले सांसद तोमर, मिडिल स्कूल है न सडक़ें

Lok saha morena गोद लेकर सींगपुरा गांव भूले सांसद तोमर, मिडिल स्कूल है न सडक़ें

मुरैना. एनएच-552 यानी मुरैना-पोरसा रोड (पचपेड़ा) से 1.50 किमी दूर स्थित सींगपुरा पंचायत। यह दिखने में जिले की दूसरी सामान्य पंचायतों जैसी है। विशेषता ये है कि इसे पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री (अब विधानसभा अध्यक्ष) नरेंद्र सिंह तोमर ने आदर्श गांव बनाने के लिए गोद लिया था। यहां हायर सेकंडरी-हाईस्कूल तो छोडि़ए मिडिल स्कूल तक नहीं है। दो करोड़ की लागत से जल-जीवन मिशन के तहत पानी की टंकी चालू हो गई है, लेकिन 400 घरों की पंचायत में आधी आबादी अब भी बोरिंग पर निर्भर है। गांव में एकमात्र सडक़ पंचायत निधि से बन रही है। कच्चे रास्तों के किनारों पर पानी जमा हो रहा है। जगह-जगह लगे गोबर के ढेर गांव में स्वच्छता अभियान को मुंह चिढ़ा रहे हैं। जातेगांव के प्राइमरी स्कूल में गुरुवार दोपहर 12 बजे ताला लटका था। 70 वर्षीय राधेश्याम ओझा ने बताया कि मास्टर आए जातें तो स्कूल खुल जाते, नहीं तो मोड़ी-मोड़ा (बच्चे) पढऩे के लिए पोरसा जाते हैं। गांव में पुराने खरंजा टाइप के हैं, जहां बारिश में कीचड़ हो जाता है तो निकलने की परेशानी हो जाती है।
पढ़ाई, इलाज तीन किमी दूर पोरसा में
गांव में दुकान पर मिले सोनपाल सिंह तोमर बताते हैं कि गांव में पानी की टंकी बन गई। ठेकेदार आधे-अधूरे घरों में कनेक्शन जोडकऱ चला गया। अब हैंडपंप में बोरिंग डालकर पानी खरीद रहे हैं। इसी तरह युवा विनोद भदौरिया ने बताया कि पहले एक प्राइमरी, एक मिडिल स्कूल था। स्टाफ न होने से मिडिल स्कूल बंद हो गया। प्राइमरी के बाद पढऩे के लिए गांव के बेटे-बेटियां तीन किमी दूर पोरसा जाते हैं। इलाज के लिए भी पोरसा जाना पड़ रहा है।
2-2 हजार लेकर मंजूर हुए शौचालय
सरपंच के घर के बाहर ही मिले बेरोजगार युवा हरिपाल सिंह तोमर ने बताया कि पंचायत में विकास के नाम पर सिर्फ पानी की टंकी बनी है और कनेक्शन हो गए, लेकिन पानी घरों में नहीं पहुंच रहा। गांव में 200 परिवारों के लिए जो शौचालय स्वीकृत हुए, उनकी राशि तब मिली, जब 2-2 हजार रुपए सरपंच-सचिव ने ले ली।
नेता तो वोट लेने
के लिए आते हैं
पूरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री रहे नरेंद्र सिंह तोमर कुछ महीने पहले एक त्रयोदशी में
आए थे। हां, उनके बेटे जरूर
यहां आते रहते हैं। वैसे भी नेता तो वोट लेने के लिए आते हैं।
राजपाल सिंह तोमर (राजू), स्थानीय निवासी
120 मीटर रोड के लिए मिले 5 लाख
विकास के नाम पर सिर्फ सोलर स्ट्रीट लाइट लगी हैं। करीब 120 मीटर सडक़ के लिए उन्होंने 5 लाख की राशि दी थी। हम पंचायत निधि से गांव में सीसी रोड औरन नाला बनवा रहे हैं।
रामकली रामरूप माहौर, सरपंच, सींगपुरा

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