पहले घर में था मंदिर, लोगों की मुरादें पूरी हुईं तो आकार बढ़ा
200 साल पहले नहर के पास रहने वाले ओछाराम कुशवाह को सपने में नगरकोट की माता ने दर्शन देकर मंदिर बनाने के लिए कहा। ओछाराम ने कच्चे मकान में माता का मंदिर बना दिया। नगरकोट से माता की प्रतिमा लेकर आए और एक छोटे से मकान में जो कि कच्चा था, माता की स्थापना की थी। जैसे-जैसे लोगों की मुराद पूरी होती गई, वैसे-वैसे मंदिर का भी विस्तार होता गया।
व्यापारी बड़ी संख्या में आते हैं
नहर वाली माता के दरबार में ऐसे लोग भी आते हैं जो व्यापार में घाटा खा चुके होते हैं या नया व्यापार शुरू कर रहे होते हैं। मान्यता है कि माता उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं और घाटे से उबार देती हैं। इसके साथ ही संतान की चाहत वाले लोग भी देवी मां के दरबार में अर्जियां लगाते हैं।
पुष्य नक्षत्र में महाअष्टमी
नवरात्रों के नौ दिन अब पूर्ण होने को हैं। आज महाअष्टमी पुष्य नक्षत्र में मनाई जा रही है। इस दिन महागौरी की पूजा होती है और उपवास रख मां की आराधना की जाती है। साथ ही कन्याओं का पूजन किया जाएगा। बुधवार नवमी के दिन सिद्धदात्री की पूजा की जाएगी। ज्योतिषाचार्य डॉ.हुकुमचंद जैन ने बताया कि चैत्र शुक्ल पक्ष नवरात्रि के आठवें दिन महाअष्टमी मनाई जाती है और मां महागौरी की पूजा होती है। इस बार चैत्र शुक्ल की अष्टमी तिथि 15 अप्रेल सोमवार को दोपहर 12.11 से शुरू हुई है और 16 अप्रेल मंगलवार को दोपहर 01.23 बजे समाप्त होगी।