धन का लोभ त्यागें और धर्म की राह पर चलिए
मुनिश्री के चंपाबाग धर्मशाला में विराजमान है
धन का लोभ त्यागें और धर्म की राह पर चलिए
ग्वालियर-: मनुष्य को दो चीजों से हमेशा दूर रहना चाहिए एक तो क्रोध व दूसरा अहंकार। यह दोनों चीजें मनुष्य के जीवन को नर्क बना देती हैं। जिस मनुष्य के पास धन नहीं होता उसे नींद से उठाने की जरूरत पड़ती है लेकिन जिसके पास धन होता है उसे सुलाने के लिए नींद की गोलियां देनी पड़ती है। इस लिए धन का लोभ त्यागें और धर्म की राह पर चलिए। यह विचार वात्सल्य सरोवर राष्ट्रसंत मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज ने आज बुधवार को नई सड़क स्थित चंपाबाग धर्मशाला में ऑल लाइन धर्मसभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। मुनिश्री विजयेश सागर महाराज, मुनिश्री विनिबोध सागर महाराज ऐलक श्री विनियोग सागर महाराज मोजूद थे।
मुनिश्री ने कहा कि हमें गुरु का हाथ नहीं पकड़ना चाहिए बल्कि गुरु को अपना हाथ पकड़ाना चाहिए क्योंकि मुश्किल समय में हम गुरु का हाथ छोड़ सकते हैं लेकिन गुरु हमारा हाथ कभी नहीं छोड़ेगा। उन्होंने ने कहा कि साधु और गुरू में अंतर होता है। साधु स्वयं के लिए होता है और अपना कल्याण करता है जब कि गुरु शिष्यों के लिए समर्पित होता है और अपने शिष्यों का कल्याण करता है।
मुनिश्री के समाजजनों ने पदाप्रक्षालन कर धर्मसभा का शुभारंभ किया
जैन समाज के प्रवक्ता सचिन जैन आदर्श कलम धर्मसभा का शुभारंभ ब्राह्मचारिणी नीतू दीदी ने मंगल चरण कर किया। समाजजनों ने मुनिश्री विहर्ष सागर महाराज के चरणों का पदाप्रक्षालन किया। मुनिश्री के चरणों में समिति के विनय कासलीवाल, अनिल जैन, जैन मिलन ग्वालियर के अध्यक्ष योगेश बोहरा, सचिव आशीष जैन, संजीव जैन, पंकज बाकलीवाल, संजय जैन, मिखिल जैन आदि ने श्रीफल भेंटकर आशीर्वाद लिया।
शराब की आदत से व्यक्ति को बचना चाहिए
मुनिश्री ने कहा कि आज दुनिया में जितने भी अपराध होते हैं उसमें नब्बे प्रतिशत अपराध का संबंध शराब के साथ होता है। जहां मद्यपान होता है वहां अन्य प्रकार के अपराध होते ही हैं। शराब की आदत से व्यक्ति को बचना चाहिए और इससे बचने के लिए एक ही काम उन्हें करना है, उन्हें देखो जो शराब पीने के आदी हैं और शराब पीने के कारण उनके घर की कहानी क्या है। उनको देखने की कोषिष करो और अपने आपको उससे बचाने का प्रयास करो। यह बहुत खतरनाक चीज है इससे बचना चाहिए।
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