मेला की ग्वालियर-चंबल संभाग में अपनी अलग ही पहचान है ग्वालियर व्यापार मेला हर समय ही चर्चा के विषयों में रहता हैं। जबकि यह मेला चंबल संभाग में अपनी अलग ही पहचान बना हुआ है। मेले में हर साल ही बाहरी क्षेत्रों से काफी संख्या में लोग आते हैं। लेकिन राजनैतिक कारणों के चलते मेले में अध्यक्ष तक की नियुक्ति नहीं हो पाई है। ग्वालियर व्यापार मेला विगत 6 वर्षों से प्रभारी की देख-रेख में ही चल रहा है। ऐसे में प्रभारी द्वारा निरंतर ध्यान नहीं दे पाने के कारण मेले के अधिकारी जमकर मनमानी करते हैं। जबकि मेले के सफल संचालन के लिए अध्यक्ष का होना बेहद आवश्यक है। लेकिन मेला प्रबंधन द्वारा अपनी मनमानी के चलते अभी तक मेले का अध्यक्ष नहीं चुना जा रहा है। जिससे मेला प्रबंधन के अधिकारियों की मनमानी पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।
पार्टस भी धीरे-धीरे होते जा रहे हैं चोरी इधर, मेला अध्यक्ष के लिए मंगवाई गईं दोनों ही लग्जरी गाडिय़ां मेले के कार्यालय में ही खड़ी रहती हैं। जिनके संचालन के लिए मेला प्रबंधन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जाता है। यहां तक की इन गाडिय़ों की सफाई तक नहीं कराई जाती है। जिससे यह दोनों ही गाडिय़ां धूल खा रही हैं। इसी के साथ ही इन गाडिय़ों की देख-रेख नहीं होने के कारण इनके पार्टस भी धीरे-धीरे चोरी होते जा रहे हैं। जिस ओर भी मेला प्रबंधन द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। जिस कारण ही दोनों ही गाडिय़ां कबाड़ के रूप में रखी हुई हैं। मेला अध्यक्ष के लिए आई गाडिय़ों का संचालन करना तो दूर मेला प्रबंधन द्वारा इनके मेंटेनेंस के संबंध मेें कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।