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15 बार मंत्री बैठक ले गए फिर भी नहीं हुए 1651 करोड़ रुपए के काम पूरे

locationग्वालियरPublished: Jul 15, 2019 11:48:35 am

Submitted by:

Gaurav Sen

अधिकारियों पर नहीं होता मंत्रियों की नसीहत का असर

five bridge under construction in smart city gwalior

15 बार मंत्री बैठक ले गए फिर भी नहीं हुए 1651 करोड़ रुपए के काम पूरे

ग्वालियर। शहरी यातायात को सुगम करने के लिए बनने वाले पांच ओवर ब्रिज में से सिर्फ एक पूरा हो सका है। जबकि बाहरी यातयात के दबाव को कम करने के लिए बनने वाले वैस्टर्न बायपास के पूरे होने का इंतजार शहर की जनता अभी भी कर रही है। नगर निगम क्षेत्र सहित ग्वालियर-चंबल के आठ औ बुंदेलखंड क्षेत्र के चार जिलों के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बन रहे अस्पताल का काम आठ साल में पूरा नहीं हो पाया है।

शहर विकास को लेकर अभी तक केन्द्र और प्रदेश के चार मंत्री और एक पूर्व मंत्री बीते पांच साल में 15 बैठक लेकर निर्देश दे चुके हैं। मध्यप्रदेश की राज्यपाल भी अपने भ्रमण में विकास कार्यों को लेकर जानकारी हासिल करने के बाद जनहित के कामों को तेजी से पूरा करने की चेतावनी दे चुकी हैं। इसके बाद भी निर्माण से जुड़े अधिकारी 1671.78 करोड़ रुपए से पूरे होने वाले 16 प्रोजेक्ट कंप्लीट कराने में सफल नहीं हो पाए हैं।

वन विभाग में अटकीं सडक़ें : 39737.72 लाख रुपए की लागत से बनने वालीं आठ सडक़ों का निर्माण होना था। घाटीगांव क्षेत्र के गांवों को शहर से जोडऩे वाली इन सडक़ों के निर्माण में वन विभाग बाधक बना हुआ है। च्

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एक हजार बिस्तर का अस्पताल
शहर सहित आसपास के 12 जिलों के 5 हजार से अधिक गांव और 84 बड़े कस्बों के लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जयारोग्य चिकित्सालय समूह के पास एक हजार बिस्तर का आधुनिक अस्पताल बनाने का काम होना है। लगभग 87 हजार 246 वर्गमीटर में बनने वाला यह अस्पताल 8 साल से अधिक समय से प्रतीक्षित है, इसके बाद भी अभी तक इसका विधिवत निर्माण शुरू नहीं हो सका है।

अस्पताल के निर्माण का आदेश 17 दिसंबर 2018 को हो चुका है और 16 जून 2020 तक राजकोट की कंपनी से पहले चरण का निर्माण पूरा किए जाने का अनुबंध हुआ है।जबकि दूसरे चरण के निर्माण का अनुबंध 16 जून 2021 तक के लिए है। अस्पताल के निर्माण के लिए 2010 में 116.80 करोड़ रुपए की लागत तय हुई थी, तत्कालीन समय में जमीन नहीं मिली तो निर्माण अटका रहा। 4 अक्टूबर 2018 को 338.46 करोड़ रुपए की संशोधित लागत तय हुई और इस वर्ष 25 जनवरी को परिवहन विभाग की जमीन मिलने के बाद अब मंथर गति से निर्माण चल रहा है।

वेस्टर्न बायपास

300 करोड़ रुपए की लागत से रायरू से गोकुल गांव तक 22 किलोमीटर लंबे वेस्टर्न बायपास का निर्माण होना है। इस मार्ग के निर्माण से शहर में आने वाले बाहरी वाहनों के दबाव को कम किया जा सकेगा। भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत पूरे होने वाले इस मार्ग को बनाने के लिए वाइल्ड लाइफ की एनओसी मिल चुकी है, संशोधित डीपीआर भी स्वीकृत हो चुकी है। इसके बाद भी निर्माण अटका हुआ है।

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