अवैध हथियार खरीदने वाले इन खातों में ही टोकन और फुल एमाउंट जमा कराते थे, उसके बाद ही डील और डिलेवरी होती थी। आरोपी सरनाम पूछताछ में करीब २५ लाख से ज्यादा के अवैध हथियार बेचने की हामी भर चुका है। दोनों बैंक खातों की डिटेल मांगी गई है उससे पता चलेगा कि किन लोगों ने अवैध हथियार खरीदने के लिए उसके खातों में पैसा जमा कराया है।
एसटीएफ निरीक्षक चेतन सिंह बैस ने बताया चार अवैध पिस्टल की सप्लाइ करने मुरैना आए गोगांव खरगौन निवासी सरनाम पुत्र उत्तमसिंह टकराना से अंचल के कितने लोग जुडे हैं, पुलिस और एसटीएफ उनकी गिनती कर रही है। आरोपी सरनाम यह तो मान रहा है कि उसने ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना सहित आसपास के इलाकों में तमाम लोगों को अवैध हथियार बेचे हैं, लेकिन उनके सही नाम पते नहीं बताए हैं। इंट्रोगेशन में आरोपी सफाई देता रहा कि हर खरीदार का नाम पता उसे याद नहीं है। इसलिए हथियार खरीदने वालों की पहचान के लिए सरनाम के पिता और भाई के बैंक खातों की जांच की रही है। इन दोनों के खरगोन में बैंक ऑफ इंडिया और एसबीआई में बैंक खाते हैं।
सरनाम से जो ग्राहक हथियार खरीदने के लिए डील करता , उसे सरनाम पिता या भाई के बैंक खाते का नंबर देकर उसमें हथियार की कीमत जमा करने के लिए कहता था। इन खातों में पूरी रकम पहुंचने के बाद ही सरनाम का हॉकर ग्राहक के पते पर अवैध पिस्टल, रिवाल्वर की डिलेवरी करता था। इसलिए उसके पिता और भाई के खातों डिटेल से पता चल जाएगा कि उनके बैंक एकाउंट में अभी तक कितने लोगों ने पैसा जमा कराया है। सरनाम सिंह और उसके हॉकर विष्णु को एसटीएफ और मुरेना पुलिस ने ज्वाइंट आपरेशन में पकड़ा था। सरनाम सिंह ने खुलासा किया था कि अंचल में अवैध हथियारों की सप्लाई में उसका बडा नेटवर्क है। करीब 12 दिन पहले ग्वालियर सरकारी बस स्टेंड के पास से एसटीएफ ने उसके ही एजेंट श्यामू तोमर को अवैध पिस्टल की खेप के साथ पकड़ा था।