ज्ञात रहे कि 15 जनवरी को ग्राम बूढ़ीबरोद के कोटवार बादू आदिवासी ने सूचना दी थी कि गांव के बाहर रोड किनारे गड्ढेे में एक व्यक्ति मरा पड़ा है। पुलिस ने मौके पर जाकर पड़ताल की तो पायाकि अज्ञात व्यक्ति की हत्या कर चेहरे को किसी पत्थर से कुचला गया है। काफी प्रयास के बाद मृतक की शिनात जयपाल (30) पुत्र राजाराम आदिवासी निवासी बेरखेड़ी थाना कोलारस के रूप में हुई।
पुलिस पड़ताल में पता चला कि मृतक धर्मवीर पुत्र वीरेन्द्र सिंह गुर्जर निवासी पथरौली थाना सुरवाया के यहां काम करता था। पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर जब विवेचना के दौरान धर्मवीर को तलाश किया तो वो घर से गायब मिला। विवेचना के दौरान उजागर हुआ कि धर्मवीर गुर्जर हत्या के कुछ घंटे पहले मृतक जयपाल आदिवासी को उसके गांव से लेकर आया था। पूरी जानकारी से वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत कराया गया।
संदेही ने खोला राज पुलिस अधीक्षक राजेश सिंह चंदेल व एएसपी प्रवीण कुमार भूरिया के निर्देशन में थाना प्रभारी सुरवाया रामेंद्र सिंह चौहान ने संदेही धर्मवीर गुर्जर को पकडकऱ पूछताछ की तो उसने बताया कि उसे कुछ दिन पूर्व झारखंड पुलिस महिला संबंधी अपराध ले गई थी। चूंकि जयपाल आदिवासी पिछले काफी समय (करीब 4 माह) से उसके यहां काम कर रहा था, इसलिए उसे शक था कि महिला संबंधी बात जयपाल आदिवासी ने ही सब जगह फैला दी है। इतना ही नहीं संक्रांति के तीन दिन पूर्व उसे बिना बताए अपने घर चला गया था, जिससे उसकी फसल का नुकसान हो रहा था। तब वह 14 जनवरी की शाम को जयपाल को बड़ी मुश्किल से अपनी बाइक पर बिठाकर अपने गांव पथरौली ले जा रहा था, तभी वह बूढी बरोद में बाइक से उतर गया। धर्मवीर ने काफी समझाया, लेकिन वो उसके साथ जाने को तैयार नही हुआ तथा शराब के नशे में उसे गालियां देने लगा। जिससे नाराज होकर धर्मवीर ने उसमें तीन-चार लात घंूसे मारे, जिससे वह जमीन पर गिर पड़ा। तब उसने सोचा कि यह खत्म हो गया है, तो उसने पास में पड़े पत्थर को उठाकर उसकी पहचान मिटाने के लिए उसके मुंह पर पत्थर पटक दिया, जिससे वह खत्म हो गया। आरोपी धर्मवीर गुर्जर द्वारा घटना में उपयोग किया गया पत्थर व बाइक भी जब्त करा दी है।