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विश्वसनीय सूत्रों के मुताबिक बिना रॉयल्टी के ट्रक निकालने के एवज में १० हजार रुपए प्रति ट्रक वसूल किया जा रहा है, जबकि रॉयल्टी देकर ये ट्रक यदि गुजरेंगे तो उन्हें 22हजार रुपए देने होंगे। ऐसे में रेत के परिवहनकर्ता शासकीय कोष को आर्थिक क्षति पहुंचाकर 12 हजार रुपए प्रति ट्रक की दर से मुनाफा कर रहे हैं।
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चेक नाके पर नियमित रूप से मौजूद रहने के बजाए संबंधित निरीक्षणकर्ता अधिकारी चेकिंग के लिए नाके पर पहुंच ही नहीं रहे हैं। ऐसे में रॉयल्टी लेकर 10 से 12 ट्रक ही गुजरना दर्शाया जा रहा है, जबकि 150 से 200 ट्रक बिना रॉयल्टी के आवागमन कर रहे हैं।
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रेत के जिन भण्डारणों की नीलामी की गई है उनमें से अधिकांश ठेकेदार डंप स्थल से रेत भरवाने के बजाए सीधे सिंध नदी किनारे से खनन करवा रहे हैं। ऐसे में उनका भण्डारण कम नहीं हो रहा है। सैकड़ों ट्रक रेत भर ले जाने के उपरांत भी डंप स्थल से रेत कम नहीं हुआ है। इस तरह भी राजस्व को आर्थिक क्षति पहुंचाई जा रही है। “यदि ऐसा है तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। नाके का औचक निरीक्षण कराया जाएगा। बिना रॉयल्टी के रेत से भरे ट्रक निकलते पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।”
आशीष कुमार गुप्ता,कलेक्टर भिण्ड
आशीष कुमार गुप्ता,कलेक्टर भिण्ड