एनआरसी के अंतिम प्रारूप का प्रकाशन संपन्न
बताया गया है कि इस बातचीत में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव, राज्य के वित्त मंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा मौजूद थे। बातचीत के बाद मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के आधार पर राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के अद्यतन का कार्य सुचारू रूप से चल रहा है। एनआरसी के अंतिम प्रारूप का प्रकाशन हो चुका है। इस बारे में दावे और आपत्तियों को दाखिल करने की अंतिम समय सीमा 15 दिसंबर है। दावे और आपत्तियों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिस एसओपी का अनुमोदन किया है, उसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्री के साथ विस्तृत बातचीत की गई।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बातचीत के दौरान एसओपी के बारे में व्यापक प्रचार कर जागरुकता फैलाने के लिए कदम उठाने को कहा गया है। इससे दावे और आपत्तियों के बारे में जनता अच्छी तरह जान सकेगी। मुख्यमंत्री ने जनता के साथ ही विभिन्न दल-संगठनों से दावे और आपत्तियों को पेश करने को एक सामाजिक जिम्मेवारी के तौर पर लेने का आह्वान किया। जिन वैद्य भारतीय नागरिकों के नाम एनआरसी के अंतिम प्रारूप में नहीं है, उन्हें भी निर्धारित समय सीमा के अंदर दावे और आपत्तियां दर्ज कराने के लिए मुख्यमंत्री ने कहा। एनआरसी के अंतिम प्रारूप में काफी संख्या में अवैध विदेशियों के नाम शामिल होने का आरोप विभिन्न दल-संगठनों के लगाने के साथ
ही मीडिया में खबरें आई हैं।
प्रक्रिया में भाग लेकर जनता दे सहयोग
इस बारे में विभिन्न दल-संगठनों को निर्धारित समय के भीतर दावे और आपत्तियां पेश करने को कहा है, ताकि नतीजे बेहतर आ सकें। दावे और आपत्तियां पेश न करने से उन पर विचार नहीं किया जा सकेगा। इसलिए इस विषय में सक्रिय रूप से सभी को हिस्सा लेकर अपनी जिम्मेवारी का पालन करना चाहिए। राज्य के बराक -ब्रह्मपुत्र, पहाड़-समतल सभी जगह की जनता ने एनआरसी के अद्यतन की प्रक्रिया में व्यापक सहयोग किया है। उन्होंने कहा कि दावे और आपत्तियों के मामले में भी जनता को उसी तरह का सहयोग करना चाहिए। एक विदेशी मुक्त एनआरसी तैयार करने के लिए राज्य के सभी लोगों को दायित्व व निष्ठा के साथ अपनी भूमिका का निर्वाहन करना चाहिए।