राज्य विधानसभा में एक सवाल के जवाब में राज्य के गृह मंत्री ललचामलिआना ने सदन को बताया कि असम राइफल और जिला प्रशासन से शरणार्थी स्थिति रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद राज्य सरकार ने इन शरणार्थियों की पहचान की जांच करने के आदेश दे दिया हैं।
प्रारम्भिक जांच रिपोर्ट में इन 220 रोहिंग्या समुदाय के लोगों को राज्य में अवैध शरणार्थी बताया गया था। मंत्री ने सदन को बताया कि इस समय शरणार्थियों की पहचान करने की प्रक्रिया चल रही हैं और इस प्रक्रिया के पूरी होने के बाद इन शरणार्थियों को वापिस म्यांमार भेज दिया जाएगा। मिज़ोरम के गृह मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि नवम्बर 2017 में म्यांमार सेना और रखाइने राज्य में अराकान आर्मी के बीच संघर्ष Rohingya Crisis के चलते म्यांमार के पड़ौसी गांवों के 17,00 से अधिक शरणार्थी दक्षिण मिज़ोरम के लोंगतलाई जिला में घुस आये थे। मिज़ोरम में घुस आये इन शरणार्थियों में चिन ईसाई और रोहिंग्या मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल थे लेकिन कुछ समय बाद म्यांमार के चिन ईसाई समुदाय के लोग वापिस अपने देश को लौट गये थे लेकिन उनमें से रोहिंग्या लोग नहीं लौटे थे।