प्रदेश भाजपा के महासचिव दिलीप सैकिया ने कहा कि एनआरसी के अंतिम प्रारुप से लाखों गोर्खा, हिंदीभाषी और बंगाली के नाम गायब हैं जबकि इनके पास नागरिकता से संबंधित कागजात हैं। पार्टी ने हाजेला को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पिछली सुनवाई के दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जो बदलाव के सुझाव दिए हैं उससे स्थिति और जटिल होगी।
मालूम हो कि हाजेला ने सुप्रीम कोर्ट में एनआरसी में नाम शामिल कराने के लिए पहले के 15 दस्तावेजों की जगह दस कागजातों को स्वीकार करने की सलाह दी है। सैकिया ने कहा कि हम हाजेला की विचार से असंतुष्ट हैं। अंतिम प्रारुप में जिन भारतीयों के नाम नहीं आए हैं उनके नाम आगे शामिल कराने में और दिक्कत आएगी। गोर्खा,हिंदीभाषी और बंगाली समुदाय अपने नाम न आने से काफी दुखी है। सैकिया ने कहा कि प्रदेश भाजपा अध्यक्ष रंजीत कुमार दास केंद्रीय नेतृत्व के साथ मुलाकात करने के बाद सोमवार को पूरा खुलासा करेंगे। दास भाजपा की केंद्रीय कार्यकारिणी में हिस्सा लेने दिल्ली में हैं। वे केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात कर पूरी जानकारी देंगे।
मालूम हो कि अंतिम प्रारुप से 40 लाख नाम गायब हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जिनके नाम छूठे हैं वे अधिकांश भाजपा के वोटर माने जाते हैं। राज्य में प्रतिपक्ष के नेता देवव्रत सैकिया ने भी हाजेला को हटाने की मांग करते हुए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। एआईयूडीएफ ने भी विरोध किया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करनेवाले असम पब्लिक वर्क्स ने भी हाजेला के कदम पर असंतोष जताया है।