इस बार अब तक इसकी ऊंची उठती लहरों का पता नहीं चला है। पूर्वी सियांग जिले के उपायुक्त ने एक एडवाइजरी जारी की है। इसमें कहा गया है कि पिछले दो हफ्तों से सियांग भयावह हो गई है। इसमें ऊंची अस्वाभाविक लहरें उठ रही है।
वहीं अरुणाचल प्रदेश के जल संसाधन विभाग के पासीघाट डिवीजन ने कहा है कि डरने की कोई बात नहीं है,क्योंकि इसका जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर नहीं गया है। सिर्फ सुरक्षा की दृष्टि से लोगों को सियांग नदी में मछली पकड़ने,स्वीमिंग आदि के लिए न जाने की सलाह दी गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि लहरें दो मीटर तक ऊंची उठ रही है। अक्तूबर से तो यह मटमैली हो गई है जबकि पहले इसका पानी पूरी तरह साफ होता था। मटमैले पानी के चलते काफी संख्या में मछलियां मरी हैं। हमने राज्य सरकार को लिखा है कि वह इस मसले को केंद्र के समक्ष उठाए। साथ ही सुझाव दिया है कि वेरिफिकेशन टीम गठित कर अंतरराष्ट्रीय सीमा के उस पार जाकर इसके कारणों का पता लगाया जाएगा। सियांग असम में प्रविष्ट होने पर ब्रह्मपुत्र कहलाती है। चीन में यह सांग्पो कहलाती है।
अरुणाचल पूर्व के सांसद निनोंग एरिंग ने कहा कि पड़ोसी देश चीन ने सियांग नदी का प्रवाह मोड़कर अपने मरुभूमि वाले इलाके में ले जाने की कोशिश की है। इसके लिए एक हजार किमी लंबी सुरंग का निर्माण किया गया है। इस कारण सियांग का पानी सीमेंट युक्त हुआ है।